पटना. जनता दल यूनाइटेड के प्रखर प्रदेश प्रवक्ता और बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल के पोते निखिल मंडल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. निखिल मंडल ने पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा देने के पीछे निजी कारण बताया है. उनकी तरफ से इस्तीफे का लेटर जारी कर दिया गया है.
निखिल मंडल 2016 से ही पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रहे हैं. इस पद पर रहते हुए उन्होंने लगातार नीतीश कुमार की नीतियों को और पार्टी लाइन को मीडिया के बीच रखा. वो पार्टी के लोकप्रिय प्रवक्ताओं में से एक रहे हैं. निखिल मंडल ने अपने पद से इस्तीफे के पीछे बेशक निजी कारणों का हवाला दिया है, लेकिन इसके पीछे राजनीतिक कारण भी बताये जा रहे हैं.
निखिल मंडल ने अपने इस्तीफे की घोषणा के कुछ देर पहले ही सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए मधेपुरा में ज्यादा वक्त गुजारने की बात कही थी. निखिल मंडल पिछले कुछ वक्त से मधेपुरा में ही ज्यादा समय दे रहे हैं. ऐसे में उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं. निखिल मंडल ने विधानसभा का पिछला चुनाव जदयू के टिकट पर मधेपुरा से ही लड़ा था, लेकिन उन्हें राजद के प्रोफेसर चंद्रशेखर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
बिहार में सियासी समीकरण बदलने के बाद जदयू और राजद के साथ सरकार में है. निखिल मंडल को शिकस्त देने वाले चंद्रशेखर अब बिहार के शिक्षा मंत्री हैं. निखिल मंडल लोकसभा का अगला चुनाव मधेपुरा से लड़ना चाहते हैं. ऐसे में उनका भाजपा में जाने की बात भी कही जा रही है. हालांकि उन्होंने अब तक इस बाबत कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है, लेकिन वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं.
जदयू और राजद के बीच गठबंधन के बाद निखिल मंडल पिछले कुछ अर्से से असहज महसूस कर रहे थे. निखिल मंडल तेजस्वी यादव और लालू परिवार के ऊपर बेहद हमलावर रहे हैं, लेकिन अब लालू परिवार को डिफेंड करना उनके लिए असहज हो रहा था. ऐसे में उन्होंने जदयू के प्रवक्ता पद से दूरी बनाने का फैसला किया है.
जानकार मानते हैं कि निखिल मंडल किसी भी हाल में लालू यादव के परिवार को डिफरेंट नहीं कर सकते जो इस वक्त जदयू के ज्यादातर प्रवक्ताओं को करना पड़ा है. भ्रष्टाचार को लेकर भी निखिल मंडल की सोच समझौतावादी नहीं है, यही वजह है कि उन्होंने शायद अपने पद से इस्तीफा दिया.