बिहार : 7 करोड़ की जमीन के लिए 25 लाख की सुपारी, पटना पुलिस ने किया नीलेश मुखिया हत्याकांड का खुलासा
पटना में 31 जुलाई को निलेश मुखिया को गोली मारी गयी और इलाज के दौरान 23 अगस्त को दिल्ली में उनकी मौत हो गयी. इस मामले में 14 अगस्त को शहनवाज और मो. राजा की गिरफ्तारी हुई. अब इस पुर मामले का खुलासा शनिवार को पटना पुलिस ने किया है.
पटना. नीलेश कुमार उर्फ नीलेश मुखिया की हत्या राजनीतिक और बालू के विवाद में नहीं बल्कि अटल पथ स्थित सात कट्ठा के जमीन के विवाद में हुई है. इसका खुलासा शनिवार को एसएसपी राजीव मिश्रा ने किया. पुलिस ने इस हत्याकांड में उन तीन शातिरों को भी गिरफ्तार किया, जिन्होंने पप्पू, धप्पू और गोरख राय के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची. गिरफ्तार तीनों शातिरों में दीघा बालू पर के अजय राय उर्फ विशाल कुमार, उसके चाचा उदय कुमार और दीघा के गली नंबर 90 के संतोष कुमार को गिरफ्तार किया है. इन लोगों के पास से पुलिस एक देसी पिस्टल, एक मैग्जिन, चार राउंड जिंदा कारतूस, एक क्रेटा कार (इसी कार से हुई थी रेकी) और 36 हजार नगद बरामद की है.
सात कट्ठा के प्लॉट को लेकर हुआ विवाद
एसएसपी ने बताया कि अजय राय और नीलेश मुखिया दोनों खास दोस्त थे. दोनों एक साथ मिलकर जमीन का धंधा करते थे, लेकिन दीघा अटल पथ स्थित सात कट्ठा के प्लॉट को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया. जमीन का कीमत सात करोड़ रुपये है. इस विवाद के बाद अजय ने नीलेश से दूरी बना ली और पाला बदल अपने पार्टनर उदय और संतोष के साथ पप्पू, धप्पू और गोरख से जा मिला. अजय ने पूरा विवाद तीनों भाइयों को बताया और पप्पू राय के कार्यालय में बैठकर हत्या की साजिश रच दी.
पांच महीने पहले जेल से छूटा है संतोष
मिली जानकारी के अनुसार हत्याकांड की साजिश में शामिल संतोष करीब पांच महीने पहले ही जेल से छूटा है. वह दीघा थाना से हत्या के एक मामले में जेल गया था. वहीं अजय राय के खिलाफ राजीव नगर, शास्त्रीनगर और पाटलीपुत्र थाना में कई संगीन मामले में 11 केस दर्ज हैं. उदय के खिलाफ भी पाटलीपुत्र थाना में तीन केस दर्ज है.
पप्पू राय ने शूटरों को देने के लिए अजय को दिये थे 25 लाख
साजिश रचने के बाद पप्पू राय ने अजय राय को 25 लाख रुपये शूटरों को देने के लिए दिया. अजय ने अपने दोस्तों की मदद से पटना सिटी के इमरान उर्फ लल्लु से संपर्क किया और उसे 5.50 लाख की सुपारी देकर निलेश की हत्या करवा दी. सुपारी का जो पैसा बचा वह अजय, उदय और संतोष ने आपस में बांट लिया. एसएसपी ने बताया कि तीनों नामजद भाईयों के अलावा कुछ लोग अभी फरार चल रहे हैं.
प्लॉट का कुछ हिस्सा नीलेश के कब्जे था, जिसे बेचना चाहता था अजय
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस जमीन के लिए हत्या की पूरी साजिश रची गयी उसका कुछ हिस्सा नीलेश के कब्जे में था. अजय चाहता था कि नीलेश के हिस्से को भी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बेच दें. नीलेश के रहते अजय जमीन बेच नहीं सकता था. इस वजह से अजय ने पप्पू राय से संपर्क बना लिया. अजय को पता था कि नीलेश का पूर्व से पप्पू, धप्पू और गोरख राय से राजनीतिक रंजिश व वर्चस्व को लेकर विवाद चल रहा है. इसी का फायदा अजय ने उठाया और तीनों भाइयों को नीलेश के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया. मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल महीने में पप्पू, धप्पू और गोरख के ऑफिस पर अजय, उदय और संतोष की मीटिंग हुई. अजय ने पप्पू से कहा कि 25 लाख में काम पूरा हो जायेगा.
शूटर दाग रहा था गोली, कार में बैठ देख रहा था अजय
घटना के दिन शूटर बाइक पर थे. वहीं अजय राय अपने साथियों के साथ पूर्व मंत्री के घर के पास भूषण की कार में बैठा था. वहीं अन्य लाइनर ऑटो से थे. सभी सीसीटीवी कैमरे में कैद है. निलेश को गोली लगने के बाद अजय कार लेकर मौके से फरार हो गया. मालूम हो कि कुर्जी गेट नंबर 66 से अंदर निलेश मुखिया का घर है. ठीक सामने एक पूर्व मंत्री का घर है. 31 जुलाई को निलेश मुखिया को गोली मारी गयी और इलाज के दौरान 23 अगस्त को दिल्ली में उनकी मौत हो गयी. इस मामले में 14 अगस्त को शहनवाज और मो. राजा की गिरफ्तारी हुई. 10 सितंबर को शूटर इमरान, उसका भाई क्योष और अजय का दोस्त विकास गिरफ्तार हुआ. वहीं 16 सितंबर को अजय, संतोष और उदय पकड़ा गया.
तीनों भाई समेत आठ लोग अब भी फरार
इस मामले में अजय राय के सहयोगी एजाजुद्दीन, रिंकू, भूषण और सुपारी लेने वाला शूटर इमरान का सहयोगी व लाइनर अरबाज और अजहर जिलानी फरार चल रहा है. इसके अलावा पप्पू, धप्पू और गोरख राय भी फरार चल रहे है. निलेश मुखिया हत्याकांड में पुलिस अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. नामजद भाईयों पप्पू, धप्पू और गोरख फरार हैं और तीनों के घरों की कुर्की जब्ती हो चुकी है. पुलिस की जांच में आया है कि भूषण की कार का भी इस्तेमाल रेकी में हुआ था.