राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रिंसिपल को बंधक बनाने वाले नौ जूनियर डॉक्टर निष्कासित
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के नौ पीजी छात्रों को जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद कॉलेज प्रबंधन ने छह माह के लिए निष्कासित कर दिया है.
पटना. राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के नौ पीजी छात्रों को जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद कॉलेज प्रबंधन ने छह माह के लिए निष्कासित कर दिया है.
सोमवार को इसकी सूचना जारी कर दी गयी. निष्कासित किये गये छात्रों में रोग निदान विभाग की डॉ अर्चना कुमारी राय, रसायनशास्त्र के डॉ धनंजय कुमार, शरीर रचना के डॉ रूपेश कुमार सिंह, शालाक्य तंत्र के डॉ संतोष कुमार राय, अगदतंत्र के डॉ अजय कुमार, रसशास्त्र के डॉ मुकेश कुमार, शालाक्य के डॉ धर्मेंद्र प्रसाद, मौलिक सिद्धांत के डॉ कुमार भास्कर अगद तंत्र के डॉ अभिजीत सावंत हैं.
कॉलेज प्रबंधन के आदेश के बाद यह नौ छात्र-छात्राएं अब छह महीने तक न तो क्लास कर पायेंगे और ना ही इन्हें अस्पताल की ओर से कोई सुविधा प्रदान की जायेगी. सभी छात्र एमडी एवं एमएस आयुर्वेद के सत्र 2020-22 के हैं. कॉलेज प्रबंधन की ओर से छात्रों पर कार्रवाई की सूचना कॉलेज के संबंधित विभागाध्यक्षों को दी गयी है.
ओपीडी में कर दी थी तालाबंदी
सभी नौ छात्र जूनियर डॉक्टर हैं और वर्तमान में पीजी की पढ़ाई कर रहे हैं. सूचित किया गया और छह माह की निर्धारित अवधि तक संबंधित छात्रों को कॉलेज में आसपास दिखाई देने पर शीघ्र सूचित करने को कहा गया है. साथ ही वह परीक्षा से भी वंचित रहेंगे.
प्रोत्साहन राशि देने की मांग को लेकर निष्कासित किये गये छात्रों के नेतृत्व में 24 से 26 फरवरी तक काफी विरोध प्रदर्शन किया गया. छात्रों ने प्रिंसिपल कार्यालय व ओपीडी का ताला बंद कर दिया. इससे 400 से अधिक मरीज बिना इलाज के लौटे. वहीं बाकी डॉक्टर व कर्मियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था.
Posted by Ashish Jha