भागलपुर और गोपालगंज में नौ लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत, मंत्री ने कहा- करायेंगे जांच

इसी जिले में पहले भी दो बड़े जहरीली शराब कांड हो चुके हैं. दोनों मामले में प्रशासन ने जहरीली शराब से मौत की बात मानने से इनकार कर दिया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2022 8:23 PM

पटना. होली से पहले एक बार फिर बिहार में शराब से मौत की बात की बात होने लगी है. रविवार को भागलपुर में पांच और गोपालगंज में तीन लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी. दोनों जगहों पर मृतकों के परिजनों ने दावा किया है कि मरनेवाले ने शराब पी रखी थी. इधर पटना में मद्य निषेध मंत्री ने सुनील कुमार कहा है कि हर संदिग्ध मौत की जांच की जायेगी.

जानकारी के अनुसार गोपालगंज जिले में फिर तीन लोगों की मौत हुई है. प्रशासन एक बार फिर इसे जहरीली शराब से मौत मानने से इनकार कर रहा है, लेकिन परिजनों का दावा है कि शराब पीने के बाद ही सबकी मौत हुई है. वैसे भी इसी जिले में पहले भी दो बड़े जहरीली शराब कांड हो चुके हैं. दोनों मामले में प्रशासन ने जहरीली शराब से मौत की बात मानने से इनकार कर दिया था.

इस बार भी गोपालगंज के कुचायकोट में तीन और फुलवरिया में एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना है. कुचायकोट थाने के शिवराजपुर गांव के हरेन्द्र यादव की मौत सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में हो गयी. हरेन्द्र को पेट दर्द, घबराहट और बेचैनी की शिकायत पर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. मौत के बाद परिजन बगैर पोस्टमार्टम कराये ही शव को लेकर भाग खड़े हुए.

उसी गांव के फूलचंद साह के पुत्र हीरालाल साह की भी मौत ठीक वैसे ही लक्षण के बाद हुई है. उसे भी पेट दर्द और बेचैनी की शिकायत हुई. लोग उसे इलाज के लिए लेकर जाने ही वाले थे कि मौत हो गई. वहीं, कुचायकोट थाने के रामगढ़वा गांव में ठग यादव के बेटे साहेबलाल यादव को भी पेट दर्द, बेचैनी और घबराहट हो रही थी और उसके बाद मौत हो गयी. वहीं, फुलवरिया के पेंदूला रामसेन गांव के ओम प्रकाश भगत को भी पेट दर्द, बेचैनी और घबराहट हुई. उसे इलाज के लिए अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गयी.

इधर, भागलपुर से भी संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने की खबर आयी है. जिले के चार अलग अलग थाना क्षेत्रों में विगत दो दिनों के भीतर कुल पांच लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने हुई है. यहां भी नशीले पदार्थ के सेवन की वजह से मौत होने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

यह भी बताया जा रहा है कि मामला संज्ञान में आने के बाद परिजनों ने प्रशासन से मामले को छिपाने के उद्देश्य से कुछ लोगों के शव का दाह संस्कार भी करा चुके हैं. तेजी से भागलपुर में फैल रही इस बात की जांच को लेकर जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने मामले की जांच को एडीएम और एसडीएम को मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच अस्पताल भेजा है.

बताया जा रहा हुआ मरने वालों में एक साजोर थाना का निजी पुलिस जीप चालक अविनाश भी है. जिसको लेकर सुबह से ही थानाध्यक्ष एसआई महाश्वेता सिन्हा मायागंज अस्पताल का चक्कर लगा रही हैं. वही सबौर, अलीगंज और जिच्छो के रहने वाले अन्य लोगों का इलाज किसी निजी अस्पताल में कराया गया था. जिनमे से से अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है. मामले में दो लोगों की आंख की रोशनी जाने की भी आशंका जतायी जा रही है.

रविवार सुबह से ही इस चर्चा ने तूल पकड़ लिया कि मरने वालों और बीमार सभी लोगों को पहले पेट दर्द शुरू हुआ और फिर उल्टियां होने लगीं. देखते ही देखते उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उनमें से पांच की मौत हो गयी. घटना के बाद जिले में खलबली मच गयी. डीएम, एसएसपी, एसडीएम व अन्य अधिकारी मायागंज अस्पताल के साथ ही पीड़ितों के घर पहुंचे और मामले की जानकारी ली. देर शाम तक प्रशासन की ओर से किसी तरह की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकी है.

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