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जमीन अधिग्रहण नहीं बनेगा बाधा, छह जिलों की नौ सड़कें होंगी चकाचक

राजधानी पटना सहित वैशाली, सारण, भभुआ, दरभंगा और औरंगाबाद जिले की नौ सड़कें मरम्मत कर चकाचक बनायी जायेंगी. इन पर खर्च के लिए पथ निर्माण विभाग ने 92.59 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.

पटना : राज्य में सड़कों को बनाने में अब जमीन अधिग्रहण बाधक नहीं बनेगा, इससे संबंधित एक मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद पुरानी सड़कों पर तेजी से काम होने की संभावना जगी है. खासकर राज्य में जमीन अधिग्रहण की वजह से पिछले 10 सालों से करीब 15 बड़ी सड़कों का काम लटका हुआ था.

इनमें मुख्य रूप से पटना-गया-डोभी, एनएच-2 बनारस-औरंगाबाद-चौरदाहा, फतुहा-दनियावां-बाढ़,अररिया-फारबिसगंज, मुजफ्फरपुर बाइपास, जयनगर बाइपास, मीरगंज बाइपास, सीवान और छपरा बाइपास शामिल हैं. सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अगुआई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर शुक्रवार को एक फैसला दिया है.

कोर्ट ने कहा है कि अगर जमीन पर कब्जा रखने वाला व्यक्ति जानबूझ कर मुआवजा नहीं ले रहा, तो इसे सरकार की गलती नहीं कही जा सकती. अगर सरकार मुआवजा दे चुकी है, लेकिन किसी मुकदमे के चलते कब्जा नहीं ले पा रही, तो इसको भी सरकार की गलती नहीं मानी जा सकती है.

सरकार की गलती तभी मानी जायेगी जब उसने लापरवाही की हो. अधिग्रहण की प्रक्रिया तो शुरू की, लेकिन न मुआवजा दिया, न ही जमीन पर कब्जा लिया. कोर्ट ने कहा है कि उसकी मंशा असली जमीन मालिक को लाभ दिलवाना है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लाभ

मध्यस्थों से होगा बचाव

कोर्ट ने कहा है कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद सरकार से अधिक कीमत वसूलने के लिए

बहुत सारे मध्यस्थ अड़ंगेबाजी शुरू

कर देते हैं. इस आदेश का सीधा

असर यह होगा कि एक जनवरी,

2009 से पहले जिन असली जमीन मालिकों की भूमि के अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हुई थी, उनको लाभ मिलेगा. मुनाफा कमाने के चक्कर में प्रक्रिया में दखलअंदाजी करने वाले लोगों का ही इससे नुकसान होगा.

15 बड़ी सड़कों का काम लटका हुआ था

कब से लटकी हैं परियोजनाएं

पटना-गया-डोभी-

पांच साल

एनएच-2 बनारस-औरंगाबाद-चौरदाहा-

10 साल

फतुहा-दनियावां-बाढ़- पांच साल

अररिया-फारबिसगंज-

पांच साल

मुजफ्फरपुर बाइपास-

10 साल

जयनगर बाइपास-

पांच साल

मीरगंज बाइपास-

पांच साल

सीवान बाइपास- 5 साल

छपरा बाइपास- 5 साल

छह जिलों की नौ सड़कें होंगी चकाचक : राजधानी पटना सहित वैशाली, सारण, भभुआ, दरभंगा और औरंगाबाद जिले की नौ सड़कें मरम्मत कर चकाचक बनायी जायेंगी. इन पर खर्च के लिए पथ निर्माण विभाग ने 92.59 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इस संबंध में पथ निर्माण विभाग के मंत्री नंद किशोर यादव ने बताया है कि शनिवार को विभागीय निविदा समिति में छह जिलों में 95 किमी की लंबाई में सड़कों की मरम्मत की मंजूरी दी है.

मंजूर योजनाओं को उन्होंने चार से 18 महीने में गुणवत्ता के साथ पूरा करने का संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है. इन योजनाओं में से राजधानी पटना में कंकड़बाग लोहिया नगर पोस्ट ऑफिस सड़क की मरम्मत के लिए तीन करोड़ 62 लाख रुपये की मंजूरी मिली है. पटना सिटी पथ प्रमंडल के अंतर्गत एनएच-30 के करमलीचक से मिर्जापुर भाया पटना सुरक्षा बांध और सुरक्षा बांध से महुली भाया छितामा–गौहरपुर रोड के लिए 23.56 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं.

बक्सर-भोजपुर फोरलेन अक्तूबर तक होगा तैयार : बक्सर-भोजपुर फोरलेन सड़क का काम अक्तूबर तक हो जाने की संभावना है. इसे लेकर पिछले दिनों पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने संबंधित डीएम के साथ समीक्षा बैठक के बाद निर्माण कार्य में तेजी आयी है. इसमें जमीन अधिग्रहण की समस्या सामने आने पर उन्होंने जमीन का तय मुआवजा जल्द बांटने का संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया था. इसके बाद से जगह-जगह कैंप लगाकर जिला प्रशासन इस काम को कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि बक्सर-भोजपुर फोरलेन सड़क की लंबाई करीब 48 किमी है.

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