गया में प्लास्टिक बैन का नहीं दिख रहा असर, हर दिन कचरे से निकाल रहा 9 टन पॉलीथिन बैग
नगर निगम की ओर से पॉलीथिन उपयोग नहीं करने के लिए जागरूकता पर पिछले एक दशक में करोड़ों रुपये खर्च किये गये. अब भी नगर निगम से कचरा उठाने वाली गाड़ियों में इसका उपयोग नहीं करने को लेकर तरह-तरह के गाने बजाये जाते हैं. फिर भी इसके बाद कोई खास असर नहीं देखा जा रहा है.
सरकार के स्तर पर पॉलीथिन बैग व थर्मोकोल को बैन किया गया है. नगर निगम की ओर से लोगों को इस मामले में जागरूक करने के लिए अभियान चलाये जा रहे हैं. इसके साथ समय-समय पर पॉलीथिन व थर्मोकोल के खिलाफ छापेमारी भी की जा रही है. निगम से हर वक्त दावा किया गया है कि इस मामले में खूब सख्ती बरती जा रही है, पर इसके बाद भी हर जगह धड़ल्ले से लोग पॉलीथिन का बैग व थर्मोकोल का उपयोग कर रहे हैं. इसमें छोटे से बड़े दुकानदार, होटल व ठेला-रेहड़ी वाले शामिल हैं. शायद किसी को इस पर बैन की याद ही नहीं है. हालांकि, प्रदेश में सबसे अधिक यहां निगम क्षेत्र में छापेमारी अभियान चलाकर करीब 30 क्विंटल पॉलीथिन व लगभग ढाई लाख जुर्माना भी वसूला गया है.
हर दिन निकलता है 450 टन कचरा
प्रतिबंधित पॉलीथिन बैग शहर के कचरा में निकलने का आंकड़ा देख कर ही इसमें जागरूकता की झुठला देता है. निगम से मिली जानकारी के अनुसार, हर दिन शहर से 450 टन कचरा निकलता है. इसमें दो प्रतिशत पॉलीथिन बैग होता है. इसके अनुसार, हर दिन शहर के कचरे में नौ टन पॉलीथिन बैग निकलता है. इसके अलावा शहर के नाले व नालियों में लोग पॉलीथिन को बड़े बेबाकी से डाल देते हैं. इसके कारण नाला-नाली भी जाम होता है.
करोड़ों रुपये जागरूकता पर किये गये खर्च, पर स्थिति है कि बदलती नहीं
नगर निगम की ओर से पॉलीथिन उपयोग नहीं करने के लिए जागरूकता पर पिछले एक दशक में करोड़ों रुपये खर्च किये गये. अब भी नगर निगम से कचरा उठाने वाली गाड़ियों में इसका उपयोग नहीं करने को लेकर तरह-तरह के गाने बजाये जाते हैं. फिर भी इसके बाद कोई खास असर नहीं देखा जा रहा है. नगर निगम की ओर से कचरा कलेक्शन के दौरान पॉलीथिन देने पर फाइन का प्लानिंग बनाया गया. लेकिन, इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका है.
लोगों को खुद होना होगा जागरूक
गया नगर निगम के पर्यावरण पदाधिकारी लोक रंजन ने कहा कि नगर निगम की ओर से लगातार पॉलीथिन व थर्मोकोल को लेकर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. बाजार में छापेमारी भी की जा रही है. बिहार का पहला जिला है, जहां ढाई माह में करीब ढाई लाख का जुर्माना वसूला गया है. लोगों के जागरूक हुए बगैर इस अभियान को सफल नहीं बनाया जा सकता है. घर से निकलते वक्त सामान लाने के लिए झोला लेकर निकलना चाहिए. इसके बाद सभी स्वस्थ रहेंगे.