गजब खेला ! बिहार के 9 युवक 2014 में फर्जी तरीके से बहाल होकर बने थे आयकर अधिकारी, CBI ने खोल दिए सभी धागे
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार सभी लोगों ने इस मामले में शामिल माफिया सरगना के संबंध में जानकारी देने पर अपनी और परिवार की जान को खतरा बताया है. यह माफिया सरगना बिहार का रहने वाला है. मामला कर्मचारी चयन आयोग की 2012-14 में आयोजित परीक्षा से जुड़ा है.
पटना: CBI ने नागपुर में 9 आयकर अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने 2012-12 में कर्मचारी चयन आयोग की आयकर अधिकारी भर्ती परीक्षा में डमी उम्मीदवार बिठा कर परीक्षा पास कर ली और पिछले आठ सालों से नौकरी कर रहे थे. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक बिहार से जुड़े एक माफिया ने इन लोगों की जगह डमी उम्मीदवारों को परीक्षा में बिठाया था. सीबीआई इस मामले की 2018 से जांच कर रही थी. जांच में यह खुलासा हुआ कि सभी नौ आयकर अधिकारी फर्जी तरीके से नौकरी पाने में सफल हुए थे. इसके एवज में उन्होंने मोटी रकम खर्च की थी.
2012-14 में आयोजित परीक्षा से जुड़ा है मामला
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार सभी लोगों ने इस मामले में शामिल माफिया सरगना के संबंध में जानकारी देने पर अपनी और परिवार की जान को खतरा बताया है. यह माफिया सरगना बिहार का रहने वाला है. मामला कर्मचारी चयन आयोग की 2012-14 में आयोजित परीक्षा से जुड़ा है.
2018 में मामला हुआ था उजागर
प्रतियोगिता परीक्षा में डमी उम्मीदवार के शामिल होने की बात 2018 में उजागर हुई थी. सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज किया था. आरोपी अधिकारी कई सालों से नौकरी कर रहे हैं और प्रमोशन भी ले चुके हैं. जिन नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम रिंकी यादव, अनिल कुमार, राहुल कुमार, अभय कुमार,मुकेश कुमार, चंदन कुमार, मनोज कुमार, प्रदीप कुमार और मनीष कुमार नाम हैं.
प्रभावशाली था माफिया
जांच के क्रम में यह बात सामने आयी कि डमी उम्मीदवारों को बिठाने के साथ ही माफिया सरगना परीक्षा के दौरान किस सेंटर पर कौन पदाधिकारी की ड्यूटी लगेगी, यह तक तय करने का प्रभाव रखता था.
एसएससी के कई कर्मचारी भी रडार पर
सीबीआई भर्ती रैकेट का पता लगाने के लिए एसएससी के कर्मचारियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है. रडार पर वे कर्मचारी चिह्नित किये गये हैं, जिन्होंने 2012, 2013 और 2014 में मुंबई और इलाहाबाद जैसे विभिन्न स्थानों पर परीक्षा आयोजित करायी थी. सीबीआई की रिपोर्ट के मुताकबिक प्रवेश पत्र, उपस्थिति पत्रक और भर्ती होने के समय उम्मीदवारों के हस्ताक्षर, लिखावट और फोटो चेक किया गया तो उसमें बड़ी विसंगतियां थी. इसके बाद जांच में पूरा मामला सामने आया.