Gaya News: विष्णुपद मंदिर परिसर में आस्था का लगा मेला, 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

Gaya News: श्रद्धालुओं की महती भीड़ पहुंचने की संभावना को लेकर स्थायी दुकानों के अलावा काफी संख्या में माला-फूल, प्रसाद, पूजन सामग्री व श्रृंगार की अस्थायी दुकानें भी कारोबारियों द्वारा लगायी गयी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 11, 2022 12:54 PM

गया. पूरे वर्ष सभी 24 एकादशी व्रतों में निर्जला एकादशी व्रत का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है. शुक्रवार को निर्जला एकादशी पर शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से 50 हजार से अधिक श्रद्धालु विष्णुपद मंदिर पहुंच कर भगवान श्री विष्णु चरण व माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना व उपासना कर परिवार की खुशहाली, सुख-समृद्धि व उन्नति की कामना की. ब्रह्म मुहूर्त से ही विष्णुपद मंदिर में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जो शुरू हुआ वह देर रात तक जारी रहा. इधर, श्रद्धालुओं की महती भीड़ पहुंचने की संभावना को लेकर स्थायी दुकानों के अलावा काफी संख्या में माला-फूल, प्रसाद, पूजन सामग्री व श्रृंगार की अस्थायी दुकानें भी कारोबारियों द्वारा लगायी गयी थी.

50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

श्री विष्णुपद मंदिर प्रबंध कारिणी समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल ने कहा कि निर्जला एकादशी पर 50 हजार से अधिक श्रद्धालु विष्णुपद मंदिर पहुंच कर भगवान श्री विष्णु चरण की पूजा अर्चना की है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए पांच अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी, तीन सफाई कर्मी व अन्य बुनियादी सुविधाएं समिति के द्वारा उपलब्ध करायी गयी थी. उन्होंने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचने वाले श्रद्धालु रात में यही विश्राम करते हैं.

अगले दिन सुबह मंदिर में आयोजित मंगला आरती में शामिल होने के बाद श्रद्धालु अपने घर जाते हैं. उन्होंने बताया काफी श्रद्धालु मंदिर व आसपास के क्षेत्रों में रुके हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. शास्त्रों के अनुसार, एकादशी तिथि का व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.

बैजूधाम व भुरहा में जुटे श्रद्धालु

गुरुआ. जेठ की एकादशी पर शुक्रवार को भुरहा व बैजूधाम में श्रद्धालुओं ने भगवान लक्ष्मी नारायण, भोले शंकर व विश्वकर्मा महाराज का दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिया. भुरहा नदी में स्नान कर भोर से ही हाथ में नारियल, चुनरी, पूड़ी -हलुआ लेकर मंगला आरती के समय भक्त कतारबद्ध हो गये. लगभग सैकड़ों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. दर्शन पूजन करने के लिए क्षेत्रीय श्रद्धालुओं ने भगवान के दरबार में मत्था टेकर आशीर्वाद लिया. मंदिर के पीछे भजन-कीर्तन होता रहा. कुछ भक्तों ने अपनी मन्नतों के अनुसार सत्यनारायण भगवान की कथा का भी श्रवण किया. मुंडन संस्कार भी भक्तों ने बच्चों के कराये. पुरुष-महिला भक्तों की अलग-अलग लाइन में लगी रही. मंदिर परिसर माता के जयकारे से गूंजता रहा.

भगवान श्री विष्णु को समर्पित होता है यह व्रत

निर्जला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है. निर्जला एकादशी व्रत में पानी भी ग्रहण नहीं किया जाता है. इस दिन बिना जल पिये व्रत रखा जाता है. निर्जला एकादशी व्रत सभी तीर्थों में स्नान करने के समान होता है. जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस व्रत में गोदान, वस्त्र दान, फल व भोजन दान का काफी महत्व है. इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद ब्राह्मणों को भोज कराना शुभ माना गया है. Prabhat Khabar App: देश-दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, क्रिकेट की ताजा खबरे पढे यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए प्रभात खबर ऐप.

FOLLOW US ON SOCIAL MEDIA
Facebook
Twitter
Instagram

Next Article

Exit mobile version