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देश में अब बनेगी पहले से बेहतर सड़कें, NIT पटना के छात्र ने बनाई सिमुलेटर मशीन, मिला पेटेंट

एनआइटी पटना के पीएचडी के छात्र डॉ हिलोल चक्रवर्ती ने चार साल के रिसर्च के बाद सिमुलेटर मशीन को बनाया है. मशीन से अलकतरा के साथ कौन-सा मेटेरियल मिलाया जाये, जिससे सड़क पानी या अधिक गर्मी या फिर अधिक दबाव से जल्दी खराब न हो, इसकी पहचान की जायेगी.

पटना. एनआइटी पटना के पीएचडी स्टूडेंट्स ने एक ऐसी सिमुलेटर मशीन बनायी है, जो मेटेरियल के सैंपल के आधार पर सड़क की निर्माण सामग्री में नमी की पहचान कर लेगी. सबसे खास बात यह है कि अब इस सिमुलेटर मशीन को पेटेंट भी मिल गया है. इससे अलकतरा के साथ कौन-सा मेटेरियल मिलाया जाये, जिससे सड़क पानी या अधिक गर्मी या फिर अधिक दबाव से जल्दी खराब न हो, इसकी पहचान की जायेगी. मौसम, वाहनों के दबाव और पथरीले स्थान पर इसके आधार पर अलकतरा के साथ सीमेंट या अन्य सामग्री कितना और कैसे मिलाया जायेगा, यह बतायेगी.

चार साल के रिसर्च के बाद डॉ हिलोल चक्रवर्ती ने बनाई मशीन

एनआइटी पटना के पीएचडी के छात्र डॉ हिलोल चक्रवर्ती ने चार साल के रिसर्च के बाद सिमुलेटर मशीन को बनाया है. एनआइटी के डीन प्रो संजीव सिन्हा ने बताया कि उत्तर बिहार के कई इलाकों में बाढ़ की वजह से सड़क हर साल खराब हो जाती है. इसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस मशीन की सहायता से सड़कें जल्दी खराब नहीं होंगी, क्योंकि इसके कारणों का पता पहले लगाकर बनाया जायेगा.

मशीन के इस्तेमाल से जल्दी खराब नहीं होगी सड़कें

प्रो संजीव सिन्हा ने बताया कि नयी तकनीक के आधार पर सड़क निर्माण सामग्री की जांच करनी की यह पहली मशीन है और यह बहुत ही कम लागत में बनायी गयी है. जल्द ही सिमुलेटर मशीन के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए किसी कंपनी या सरकार के साथ समझौता किया जायेगा. पानी और अन्य कारणों की वजह हर साल अरबों रुपये का नुकसान होता है. इसके इस्तेमाल से सड़क जल्दी खराब नहीं होगा

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