एनआइटी पटना को बिहटा में शिफ्ट होने में अभी लगेगा वक्त, वर्तमान कैंपस में ही होगी फर्स्ट इयर की पढ़ाई
एनआइटी पटना के निदेशक प्रो पीके जैन ने कहा कि नया कैंपस 2024 में मार्च-अप्रैल तक तैयार हो जायेगा. जुलाई, 2024 का सत्र नये कैंपस से संचालित होगा. पटना का वर्तमान कैंपस भी एनआइटी के पास ही रहेगा. यहां सिविल व आर्किटेक्टर डिपार्टमेंट संचालित होते रहेंगे.
पटना. एनआइटी पटना का बिहटा कैंपस का निर्माण काम तेजी से जारी है. जुलाई, 2024 में एनआइटी पटना बिहटा कैंपस में शिफ्ट हो जायेगा. एनआइटी पटना के निदेशक प्रो पीके जैन ने कहा कि नया कैंपस 2024 में मार्च-अप्रैल तक तैयार हो जायेगा. जुलाई, 2024 का सत्र नये कैंपस से संचालित होगा. पटना का वर्तमान कैंपस भी एनआइटी के पास ही रहेगा. यहां सिविल व आर्किटेक्टर डिपार्टमेंट संचालित होते रहेंगे. इसके साथ-साथ बीटेक में एडमिशन लेने वाले नये सत्र के स्टूडेंट्स भी इसी कैंपस में रहेंगे. बाकी सभी डिपार्टमेंट बिहटा कैंपस में जुलाई 2024 में शिफ्ट हो जायेंगे. नया कैंपस अत्याधुनिक और काफी विस्तृत होगा. विभिन्न विभागों के अलावा लाइब्रेरी और लैबोरेट्री भी बनायी जायेगी.
वर्तमान कैंपस भी एनआईटी के पास ही रहेगा
प्रो. पीके जैन ने कहा कि पटना का वर्तमान कैंपस भी एनआईटी के पास ही रहेगा. यहां सिविल व आर्किटेक्टर डिपार्टमेंट संचालित होता रहेगा. इसके अलावा तमाम तरह की सर्टिफिकेट कोर्स चलाया जाएगा. इसके साथ-साथ बीटेक में एडमिशन लेनेवाले नये सत्र के छात्र भी इसी कैंपस में रहेंगे. बाकी सभी डिपार्टमेंट बिहटा कैंपस में जुलाई 2024 में शिफ्ट हो जाएगा. यहां विभिन्न विभाग के अलावा लाइब्रेरी एवं लैबोरेट्री भी बनायी जाएगी.
नयी टेक्नोलॉजी से ब्रिज की तरह टुकड़ों में हो रहा निर्माण
एनआइटी का बिहटा कैंपस इकोफ्रेंडली होगा. एनआइटी ने ही बिहटा कैंपस का मॉडल तैयार किया है. इसे आधुनिक ब्रिज के तर्ज पर बनाया जा रहा है. यानी प्री-स्ट्रेस की तकनीक का प्रयोग कर टुकड़ों में निर्माण हो रहा है. इसका फायदा यह हो रहा है कि इसमें समय की बचत हो रही है. बिल्डिंग का स्ट्रक्चर पतला और काफी टिकाऊ होगा. यह पूरी तरह से ग्रीन कैंपस के रूप में जाना जायेगा. रेन वाटर हार्वेस्टिंग व सोलर पैनल की व्यवस्था होगी. योजना है कि फिलहाल 30 प्रतिशत बिजली इससे बचाया जायेगा.
ग्रेहा रेटिंग में एनआइटी को पांच में से चार रेटिंग प्राप्त
इसके साथ ही निर्माण कार्य में नो वाटर डिस्चार्ज होगा. ग्रेहा रेटिंग में एनआइटी को पांच में से चार रेटिंग प्राप्त है. कैंपस निर्माण कंक्रीट युक्त एवं लौहयुक्त नवीन उपकरणों से तैयार हो रहा है. कैंपस में संतुलित पारिस्थितिकीय चक्र को सुनिश्चित करने के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और सतही बारिश हार्वेस्टिंग तकनीकी का भी प्रयोग किया जायेगा.फ्लाइ एश से निर्मित ईंटों, मेटाकोलाइन, पोजोलाना आदि का भी प्रयोग निर्माण में किया जायेगा.
पहले चरण में 60 एकड़ भूमि पर हो रहा निर्माण
नये कैंपस के लिए राज्य सरकार ने 125 एकड़ भूमि दी है. कुल 6600 स्टूडेंट्स के लिए कैंपस का निर्माण करना है. अभी कैंपस में दक्षिणी बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने विद्युत उपकेंद्र बना दिया है. शैक्षणिक व आवासीय परिसर के लिए विद्युत उपलब्ध करायी जायेगी. पहले चरण में 60 एकड़ भूमि पर निर्माण कार्य होगा, जिसमें 2500 स्टूडेंट्स के लिए पढ़ने व रहने की व्यवस्था विकसित की जायेगी. इसके लिए 499.21 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इसके अतिरिक्त इडब्ल्यूएस योजना के तहत 11000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में 700 स्टूडेंट्स की क्षमता के लिए हॉस्टल भी बनाये जायेंगे, जिसकी लागत 50 करोड़ रुपये हैं. बिहटा कैंपस का विस्तार तीन चरणों में होगा.
123 साल पहले बनी है पटना NIT की बिल्डिंग
एनआईटी पटना 1886 में स्थापित हुआ. एनआईटी पटना भारत का छठा सबसे पुराना इंजीनियरिंग संस्थान बना है. स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम को बाद में 1978 में स्नातकोत्तर स्तर तक बढ़ा दिया गया. एनआईटी, पटना का नाम पहले बिहार स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग हुआ करता था. एनआईटी यानी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना 28 जनवरी 2004 को नाम बदलकर बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग कर दिया गया. इसके वास्तुविद की जानकारी तो यहां नहीं है, कॉलेज के आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट को भी इसकी जानकारी नहीं है. संभवतः उस समय सिविल इंजीनियर ही यह काम संभालते थे. बहरहाल यहां अभी भी कॉलेज के पहले प्राचार्य वोल्फोर्ड साहब का बोर्ड लगा हुआ है और इसी बीच पटना कॉलेज के प्राचार्य रहे विल्सन का भी बोर्ड संरक्षित है.
उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर रहा है
संस्थान को विज्ञान, इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी और मानविकी में उच्च स्तरीय शिक्षा प्रशिक्षण, अनुसंधान और विकास प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में भी घोषित किया गया है. यह UG (B.Tech), PG (M.Tech) और Ph.D कार्यक्रमों में अपने अनुभवी संकाय के माध्यम से अच्छी तरह से सुसज्जित है. प्रयोगशालाओं के साथ इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के अपने संबंधित क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और मूल्य प्रदान कर रहा है.