नीति आयोग ने गया की डिप्टी मेयर चिंता देवी की जीत की कहानी को सराहा, जानिए क्या कहा

चिंता देवी ने दो साल पहले तक शहर में साफ सफाई और झाडू लगाने से लेकर मैला ढोने तक का काम किया है. यह काम उन्होंने तकरीबन 40 साल तक किया. लेकिन विकास को लेकर उनकी सोच बिल्कुल स्पष्ट हैं. वे बताती हैं कि अब शहर का विकास पर्यटन के पॉइंट ऑफ व्यू से किया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2023 12:29 AM
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आकांक्षी जिला गया की डिप्टी मेयर के पद पर चिंता देवी की जीत की कहानी को नीति आयोग ने भी सराहा है. आयोग ने कहा है कि चिंता देवी की जीत से प्रेरित होकर दूसरे को प्रेरित करने की सीख मिलती है. अपने ट्विटर हैंडल पर आयोग ने लिखा है कि ब्रेकिंग स्टेरियोटाइप एंड इंस्पायरिंग चेंज. आयोग आगे लिखता है कि गया की यह घटना नारी शक्ति के उत्साह को बढ़ावा देने का साक्षी है.

40 साल से कर रहीं थी साफ सफाई और झाडू लगाने का काम

दरअसल, चिंता देवी ने दो साल पहले तक शहर में साफ सफाई और झाडू लगाने से लेकर मैला ढोने तक का काम किया है. यह काम उन्होंने तकरीबन 40 साल तक किया. उनकी शिक्षा का आलम यह है कि जब जिलाधिकारी डॉ एसएम त्यागराजन उन्हें शपथ दिलाने लगे, तो वह शपथ पत्र को भी ठीक से पढ़ नहीं पा रही थीं, तो डीएम ने कहा कि मैं जैसे-जैसे बोलूंगा वैसे-वैसे आपको बोलना है, उसके बाद नवनिर्वाचित डिप्टी मेयर चिंता देवी ने अपनी शपथ प्रतिज्ञा पूरी की थी. लेकिन विकास को लेकर उनकी सोच बिल्कुल स्पष्ट हैं. वे बताती हैं कि अब शहर का विकास पर्यटन के पॉइंट ऑफ व्यू से किया जायेगा.

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गया लोकसभा क्षेत्र से दलित महिला भगवती देवी जीत चुकीं हैं चुनाव

गया एक ऐसी जगह है जहां लोग आत्मज्ञान की तलाश करने आते हैं. इस गया लोकसभा क्षेत्र में 1996 में एक दलित सामान्य महिला लोकसभा में भी जा चुकीं हैं. चिंता देवी की जीत से पता चलता है कि गया के लोग उन लोगों को वोट देना चाहते थे, जो रूढ़िवादिता के खिलाफ जाकर अपने शहरों को अच्छी तरह से चलायेंगे.

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