महागठबंधन संपूर्ण क्रांति दिवस पर जारी करेगा नीतीश सरकार का रिपोर्ट कार्ड, कांग्रेस रही बैठक से नदारद

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के अध्यक्षता में हुई इस बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार के डेढ़ साल के वर्तमान कार्यकाल पर एक रिपोर्ट कार्ड पांच जून (संपूर्ण क्रांति दिवस ) को जारी किया जायेगा. बैठक में सरकार का लेखा-जोखा जारी किया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2022 9:43 PM

पटना. मंगलवार को राजद के प्रदेश कार्यालय में महागठबंधन के घटक दलों की बैठक हुई. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के अध्यक्षता में हुई इस बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार के डेढ़ साल के वर्तमान कार्यकाल पर एक रिपोर्ट कार्ड पांच जून (संपूर्ण क्रांति दिवस ) को जारी किया जायेगा. बैठक में सरकार का लेखा-जोखा जारी किया जायेगा. यह जानकारी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने औपचारिक तौर पर प्रेस से साझा की है.

मई माह में डेढ़ साल पूरे होने जा रहा है

बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने बताया कि मई माह में डेढ़ साल पूरे होने जा रहे हैं. लिहाजा हमने साझा तौर पर निर्णय लिया है कि एक ऐसा रिपोर्ट कार्ड जनता के बीच साझा करेंगे कि इस सरकार ने जनता को दिया क्या? इनके चुनावी घोषणापत्र का क्या हुआ? तेजस्वी ने किया कि महागठबंधन की बैठक अब हर माह होगी. ताकि इस सरकार के खिलाफ विपक्ष को मजबूत किया जा सके. पांच जून को महागठबंधन की एक बड़ी बैठक ज्ञान भवन में हो सकती है.

सरकार के खिलाफ शुरू होगा जन आंदोलन

बैठक में नेता प्रतिपक्ष के अलावा, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह , माले के राज्य सचिव कुणाल,केडी यादव , सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार, सर्वोदय शर्मा, सीपीआइ के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय , राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता आदि नेता उपस्थित रहे. महागठबंधन दल के विभिन्न नेताओं ने एक स्वर में कहा कि इस सरकार के खिलाफ जन आंदोलन भी शुरू करना होगा. बैठक में जातीय जनगणना,विशेष राज्य का दर्जा ,महंगाई आदि के मामले में सवाल पूछे जायेंगे.

महागठबंधन की मीटिंग में कांग्रेस को नहीं बुलाया

इधर मंगलवार को हुई इस महागठबंधन की बैठक में कांग्रेस को आमंत्रित नहीं किया गया. औपचारिक तौर पर यह पहली बार हुआ. राजद और वाम दलों ने ऐसा आपसी सहमति से किया है. दरअसल कांग्रेस ने पिछले समय में महागठबंधन प्रत्याशी का विरोध भी किया था. पिछली एक-दो बैठक में कांग्रेस खुद भी नहीं आयी थी. विधान पार्षद चुनाव में दरार निर्णायक रही.

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