पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार के मंत्रियों की औसत आयु 57.8 वर्ष है. नयी कैबिनेट में सर्वाधिक बुजुर्ग मंत्री होंगे, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्र 69 वर्ष की है, जबकि उनकी कैबिनेट के सबसे बुजुर्ग मंत्री 74 वर्षीय विजेंद्र प्रसाद यादव हैं.
भाजपा कोटे से मंत्री बने आरा के भाजपा विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह की उम्र 73 वर्ष है. इसके अलावा पहली बार मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले मेवालाल चौधरी और रामप्रीत पासवान की आयु 67-67 वर्ष की हो चुकी है.
उपमुख्यमंत्री बनाये गये भाजपा नेता तारकिशोर प्रसाद की उम्र 64 वर्ष और निवर्तमान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी की उम्र 63 वर्ष है. मंत्री रेणु देवी की उम्र 60 वर्ष है. अशोक चौधरी की उम्र 52 वर्ष और पहली बार मंत्री बनी शीला कुमारी की उम्र 50 वर्ष है.
मंगल पांडेय की उम्र 48 वर्ष की है, तो पहली बार मंत्री बने जीवेश कुमार और राम सूरत कुमार की उम्र 47-47 वर्ष की है. जीतन राम मांझी के बेटे और पहली बार मंत्री बने संतोष सुमन की उम्र 45 वर्ष है. वीआइपी के नेता और पहली बार मंत्री बने मुकेश साहनी नीतीश कुमार कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री हैं. उनकी उम्र 41 वर्ष है.
नयी सरकार में एक भी अल्पसंख्यक मंत्री नहीं बनाये गये. संभवत: अरसे बाद पहली सरकार बनी जिसमें एक भी अल्पसंख्यक मंत्री नहीं बनाये गये हैं.
उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में जब कैबिनेट का विस्तार होगा, उस समय इस कोटे से मंत्री बनाये जा सकेंगे. इस बार के चुनाव में भाजपा ने किसी अल्पसंख्यक को टिकट नहीं दिया था, जबकि जदयू से 11 मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव जीत कर आये हैं. पिछली सरकार में जदयू के खुर्शीद अहमद इस कोटे के मंत्री रहे थे.
Posted by Ashish Jha