बिहार की राजनीति में हुए उलटफेर ने पूरे देश की सियासत को प्रभावित किया है. कभी एनडीए से जदयू के अलग होने के बाद विपक्षी दलों को एकजुट करने की पहल करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब I-N-D-I-A गठबंधन से अलग होकर वापस भाजपा के साथ आ गए हैं. वहीं इंडिया में आयी दरार को लेकर जदयू ने कई बड़े दावे किए हैं. इंडिया गठबंधन की बैठकों की बातें और नाराजगी अब जदयू ने सामने लायी है. नीतीश कुमार और संजय झा इन बैठकों में शामिल रहे हैं और अब उन्होंने कई खुलासे किए हैं. जबकि राजद की ओर से बैठकों में शामिल रहने वाले सांसद मनोज झा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. जबकि कांग्रेस ने भी इन आरोपों पर पलटवार किया है.
विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. एनडीए में फिर से शामिल हुए जदयू ने लगातार यह दावा किया है. बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कई नाराजगी सामने रखी. उन्होंने दावा किया कि वो इस गठबंधन का नाम इंडिया रखना नहीं चाहते थे. लेकिन उनकी इच्छा के खिलाफ जाकर ये नाम इंडिया (indian national developmental inclusive alliance) रख दिया गया. वहीं राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि मैं हर मीटिंग का हिस्सा रहा हूं. अगर मैं बोलूंगा तो कई चेहरों पर से नकाब हट जाएंगे.
#WATCH पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर RJD सांसद मनोज झा ने कहा, "…नीतीश कुमार यह खुद कह रहे हैं या कहलाए जा रहे हैं यह मुझे नहीं पता। मैं हर बैठक का साक्षी रहा हूं इसलिए मैं ज्यादा नहीं कहना चाहता नहीं तो कई चेहरों के नकाब उतर जाएंगे।" https://t.co/1yMOihLtwD pic.twitter.com/We9awwDi8z
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 31, 2024
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जदयू नेता संजय कुमार झा भी इंडिया गठबंधन की बैठकों में शामिल रहते थे. उन्होंने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि इस गठबंधन को नीतीश कुमार ने ही बनवाया था. सभी राज्यों के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कहते थे कि कांग्रेस को अलग रखकर गठबंधन बने. लेकिन नीतीश कुमार ने ही कांग्रेस को साथ लेकर चलने की वकालत की. जब 6 महीने में इस गठबंधन में कुछ नहीं हुआ और कुछ लोग इस गठबंधन में बैठकर बस साजिश रच रहे थे. पत्रकारों को क्याें बैन किया गया. ये किसने तय किया. नीतीश कुमार ने इसका विरोध किया. नीतीश कुमार ने देशभर में घूमकर सबको एकजुट किया. अंतिम तक उन्होंने कोशिश की. लेकिन जब कोई काम नहीं हुआ. कोई गंभीर नहीं है तो ये फैसला लिया. नीतीश कुमार को अपमान भी इस गठबंधन में झेलना पड़ा.
#WATCH | Patna: JD(U) leader Sanjay Kumar Jha says, "All the CMs said (to Nitish Kumar) to form an alliance without Congress. But when no work was done for 6 months, a conspiracy was being made, and no one was serious about the alliance, all these things led to this (alliance… pic.twitter.com/4sKqsip7hB
— ANI (@ANI) January 31, 2024
संजय झा ने एक न्यूज चैनल पर बातचीत के दौरान कहा कि मुंबई में जब इंडिया गठबंधन की बैठक हुई तो नीतीश कुमार ने कहा कि इस बैठक में एजेंडा तय किजिए कि पूरे देश में हमलोग जातीय गणना कराएंगे. लेकिन पूरी कांग्रेस इसपर चुप रही और इस एजेंडे को पास नहीं होने दिया. वहीं उन्होंने कहा कि पत्रकारों को बैन करने का फैसला कांग्रेस का ही था. जिसका नीतीश कुमार ने विरोध कर दिया था. संजय झा ने कहा कि कांग्रेस मान चुकी है कि 2024 का चुनाव वो हार चुके हैं. ये अलगी बार यानी 2029 की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वहां ऐसी परिस्थिति बन गयी थी कि अब वहां रहना मुश्किल हो गया था.
वहीं कांग्रेस की ओर से इन आरोपों पर प्रतिक्रिया आयी है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कहा कि ये तमाम आरोप बेबुनियाद हैं. गठबंधन से अलग होने के बाद अब जदयू के पास इसके सिवाय कोई रास्ता नहीं है. कांग्रेस ने नीतीश कुमार को हमेसा इज्जत दी है. वो इंडिया गठबंधन के सूत्रधार थे. हमारे नेता राहुल गांधी ने आगे होकर उन्हें संयोजक पद लेने का आग्रह किया था लेकिन उन्होंने ही मना किया. अचानक भाजपा के साथ मिल जाने का उन्होंने फैसला क्यों किया ये वही जानें. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने जो सवाल किया है वो बताया जाए कि नीतीश कुमार का समाजवाद अवसरवाद में कैसे बदल गया. वहीं संजय झा के जातीय गणना वाले आरोप पर ज्ञान रंजन ने कहा कि ये गलत आरोप है. राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस पार्टी ने पूरे देश में कई कार्यक्रमों में खुलकर जातीय गणना की वकालत की है और बिहार की तरह इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने का वादा किया था. इसे कोई झुठला नहीं सकता है.