पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. शुक्रवार को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार पर असहिष्णुता का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग अपने खिलाफ सुनना नहीं चाहते हैं. चाहे वो पत्रकार हों या सांसद आज किसी को न बोलने दिया जा रहा है, न किसी की वो सुनना पसंद करते हैं. अगर को बोलता या लिखता है तो उसके खिलाफ ये कार्रवाई करते हैं. ऐसा पहले नहीं था.
दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के परिसरों पर हुए आयकर विभाग के सर्वेक्षण संबंधी सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना के प्रति असहिष्णुता के स्पष्ट संकेत हैं. कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के अवसर पर स्मृति संग्रहायल पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रेस की आजादी के लिए कर्पूरी ठाकुर ने लड़ाई लड़ी थी. आज बीबीसी पर हुई कार्रवाई से समझ लीजिए कि उनलोगों की इच्छा क्या है, यह बहुत स्पष्ट है. उनलोगों के खिलाफ कोई भी बोलेगा तो कार्रवाई होगी.
संसद में गौतम अदाणी मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की मांग से संबंधित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं कोई घटना घटती है, तो सांसदों को अपनी बातों को रखने का अधिकार है. जब हम भी विपक्ष में थे, तब भी उस समय की सरकार हमारी बातें सुनती थी. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में हम मंत्री थे, तब वह भी विरोधियों की भी बात सुनते थे. आज जो लोग वहां बैठे हैं किसी को सुनना ही पसंद नहीं कर रहे हैं.
पत्रकारों के अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं समाधान यात्रा पर था, इसलिए इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है. वैसे हमारे खिलाफ जिसको जो बोलना है और जो कहना है कहते रहें. हम रात-दिन लोगों की सेवा करने और काम करने में लगे रहते हैं. हम सबके हित में लगातार काम करते रहते हैं. किसी के हमारे खिलाफ बोलने से हमको कोई फर्क नहीं पड़ता है. जनता मालिक है. जनता सब देख रही है कि कौन क्या कर रहा है. उन्होंने कहा कि पहले जो काम करते थे, उनकी मीडिया में चर्चा होती थी, लेकिन आजकल जो लोग बोलते हैं, उन्हीं की मीडिया में ज्यादा चर्चा होती है.