पटना: बिहार की राजनीति में बुधवार का दिन सियासी रूप से काफी हलचल भरा रहा. बुधवार को नीतीश सरकार को सदन में बहुमत साबित करना था और दिन की शुरुआत में राज्य में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के छाप से हुई. नौकरी के बदले जमीन मामले में जांच एजेंसी ने राजद के छह नेताओं के घरों एवं उनसे जुड़े ठिकानों पर छापे मारे. ये सभी नेता लालू यादव (Lalu Yadav) के करीबी हैं.
सीबीआई की इस कार्रवाई पर राजद और जदयू दोनों भाजपा पर हमलावर दिखे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने भी विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को जमकर कोसा. उन्होने कहा कि दिल्ली से कोई काम नहीं हो रहा है, केवल प्रचार कर हो रहा है. 2014 में जो जीतकर आए वह काम नहीं बल्कि केवल प्रचार कर रहे हैं.
बता दें कि विधानसभा में नीतीश कुमार जब बोलने उठे तो भाजपा विधायकों ने शोर शराबा एवं हंगामा करना शुरू कर दिया. इस पर नीतीश नाराज भी नजर आए. भाषण के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि जो भी मेरे खिलाफ अनाप-शनाप बोलेगा. उसे ही पार्टी में जगह मिलेगा. नीतीश कुमार ने आगे कहा कि केंद्र सरकार के चलते बिहार में सड़क नहीं बनी है. अटली जी की सरकार जिसमें मैं भी मंत्री था, उस सरकार ने बिहार के गांवों में सड़कों का जाल बिछाने का निर्णय लिया गया था. अटली जी, आडवाणी जी, जोशी जी सभी मुझे बहुत मानते थे.
भाषण के दौरान हंगामा कर रहे बीजेपी नेताओं खासकर हंगामा कर रहे नितिन नवीन (Nitin Naveen) को नीतीश कुमार ने हल्ला नहीं करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि ‘सुनो…तुम लोग बच्चे थे….उस समय तुम लोगों के पिता थे. ये जो आ गए हैं वो कोई काम किए हैं. ये केवल प्रचार-प्रसार के एक्सपर्ट हैं. इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन का वॉकआउट कर दिया. इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि यहां सात पार्टियों का समर्थन है. एक पार्टी बाहर से समर्थन दे रही है. आप लोग अकेले हो…बाहर ही तो जाओगे. बाहर जाने के लिए ऊपर से कहा गया होगा.