Nitish Kumar ने कैबिनेट बैठक में लिया फैसला, 8000 पदों पर होगी बहाली, इन जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज
Nitish Kumar की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अहम फैसलों पर मोहर लगाई है. राज्य में 7951 पदों पर का सृजन किया जाएंगे. 12 जिलों में ओबीसी+2 कन्या उच्च विद्यालय खोले जाने की घोषणा की गयी है. गया हवाई अड्डा पर फ्यूल की वैट दर को 29% से घटाकर 4% किया गया.
Nitish Kumar की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में 16 अहम प्रस्तावों पर मोहर लगायी गयी. इसमें सबसे अहम सभी विभागों में 7951 पदों के सृजन को स्वीकृति मिली है. इसमें सबसे ज्यादा पदों का सृजन स्वास्थ्य विभाग में किया गया है. इसके साथ ही बिहार के 12 जिलों में ओबीसी+2 कन्या उच्च विद्यालय खोले जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है. सभी स्कूलों में छात्रावास की भी व्यवस्था होगी. वहीं पिछड़ा-अति पिछड़ा कल्याण के लिए कन्या आवासीय भवन निर्माण के लिए 556 करोड़ से ज्यादा रूपये खर्च किए जाएंगे. इससे बड़े स्तर पर रोजगार का भी सृजन होगा. इसके साथ ही, 6450 छात्रों को ग्रामीण स्तर पर लाभ मिलेगा.
गया में फ्लाइट्स की संख्या में होगी बढ़ोत्तरी
गया में हवाई जहाज में भरा जाने वाला इंधन(एटीएफ) सस्ता होगा. राज्य सरकार के द्वारा एटीएफ पर लगाया जाने वाले वैट की दरों में भारी कटौती गयी है. एटीएफ पर लगने वाले वैट को 29 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे गया एयरपोर्ट पर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय विमानों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी. इसके साथ ही बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास बोर्ड को गया में बने प्रशिक्षण केंद्र के लिए 15 करोड़ रुपये देने पर भी सहमति बनी है. गया के न्यायिक आवासीय परिसर में 20 यूनिट के 4 आवास ब्लॉक एवं कम्युनिटी सेंटर बनाने के लिए भी 46 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है.
छपरा और समस्तीपुर में खोले जाएंगे मेडिकल कॉलेज
राज्य सरकार के द्वारा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल छपरा और समस्तीपुर में 100 एमबीबीएस विद्यार्थियों के एडमिशन की अनुमति के लिए जरूरी अनुमति ली जाएगी. कैबिनेट की बैठक में नगर पालिका और नगर निगम के चुनाव में 62.18 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके साथ ही, आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से आपदा प्रबंधन विभाग का अपना कैडर होगा. बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रस्तावों पर मोहर लगाते हुए रीजनल साइंस सेंटर को बिहार काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी को देना का निर्णय किया गया.