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Nitish Kumar की कैबिनेट मीटिंग में सुधाकर सिंह की हुई नोक झोंक, मंत्री का आया पहला बयान, जानें क्या कहा

' मैं चोरों का सरदार हूं'. कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपने इस बयान पर अडिग हैं. उनका कहना है कि मंच से वही कहा जो जनता ने शिकायत की थी. प्रभात खबर से विशेष बातचीत में अपने बयान को दोहराते हुए इस बात का खंडन किया कि वह कैबिनेट की बैठक बीच में छोड़कर निकल आये थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2022 10:34 PM

‘ मैं चोरों का सरदार हूं’. कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपने इस बयान पर अडिग हैं. उनका कहना है कि मंच से वही कहा जो जनता ने शिकायत की थी. प्रभात खबर से विशेष बातचीत में अपने बयान को दोहराते हुए इस बात का खंडन किया कि वह कैबिनेट की बैठक बीच में छोड़कर निकल आये थे. उनका कहना था कि बयान के संदर्भ में कहीं कोई चर्चा नहीं हुई. वह कैबिनेट की बैठक खत्म होने के तुरंत बाद अपने नेता लालू प्रसाद से मिलने चले गये थे. राजद सुप्रीमाे ने उन्हे पार्टी के एजेंडा और जनहित में कार्य करते रहने को कहा है.

लालू यादव करेंगे निर्णय

कृषि मंत्री ने कहा कि मेरी कार्यप्रणाली (स्टैंड) पर मेरे नेता (लालू प्रसाद) को निर्णय लेना हैं. मैं जो कुछ भी कर रहा हूं वह पार्टी के घोषणा पत्र के हिसाब से कर रहा हूं. किसानों का भला मेरा मकसद है. सुधाकर सिंह ने यह भी बताया कि व्यवस्था में सुधार के लिये कृषि विभाग के आला अधिकारियों को जांच के दायरे में लाया गया है. भ्रष्टाचारी अफसरों पर अनवरत कार्रवाई होती रहेगी. इस संबंध में आज ही पीत पत्र लिखा गया है.

अपने बयान पर आज भी कायम हूं: मंत्री

सुधाकर सिंह ने दो दिन पहले कैमूर में एक सभा में कहा था कि कृषि विभाग में कई चोर हैं. वह चोरों के सरदार हैं, और उनके ऊपर भी कई चोर हैं. अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाला बयान मीडिया में आने के बाद अपने बयान पर कायम हैं.

सरकार पर भी उठाया था सवाल

रविवार को कैमूर के चांद प्रखंड में किसानों की एक सभा थी. सुधाकर सिंह इसमें मुख्य अतिथि थे. मंच से किसानों को संबोधित करने के दौरान उन्होंने बीज निगम का उदाहरण देते हुए कृषि विभाग की पूरी पोल खोल दी थी. कह दिया कि बीज निगम वाले किसानों को राहत देने की जगह सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपये की चोरी कर लेते हैं. मंत्री यहीं नहीं रुके, मंच से यह तक कह दिया कि सरकार वही पुरानी है और इसके चाल चलन भी पुराने हैं. हम लोग तो कहीं-कहीं हैं लेकिन जनता को लगातार सरकार को आगाह करना होगा. विभाग का कोई ऐसा अंग नहीं है जो चोरी नहीं करता होगा. आप (किसान) पुतला फूंकते रहिए. इससे मुझे याद रहेगा कि किसान मुझसे नाराज हैं. अगर ऐसा नहीं करेंगे तो यह लगेगा कि जिले में सब ठीक चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर कैबिनेट में मैं अकेले बोलता हूं तो उन्हें लगता है कि इनकी अपनी समस्या है. अगर हर कोई बोलेगा तो हमारे ऊपर जो बैठे लोग हैं वो भी सुनेंगे.

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