पटना. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने जहरीली शराब के कारण हुई मौत पर मुआवजे के विषय पर सदन में सर्वदलीय बैठक करने की घोषणा की थी. अभी तक बैठक नहीं करने का क्या कारण है? यह चिंता का विषय है. मोतिहारी में पूरा सरकारी महकमा लगा हुआ है कि किस प्रकार मृतकों के आंकड़ों को कम कर दिखाया जाये. लोगों पर दबाव डाला जा रहा है कि वे अपने परिजनों की मृत्यु का कारण जहरीली शराब नहीं कोई अन्य बीमारी बताये.
इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा रविवार को मोतिहारी पहुंचे. मोतिहारी में जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों के परिजनों से उन्होंने मुलाकात की. इस घटना को लेकर उन्होंने नीतीश सरकार के साथ-साथ प्रशासन पर भी सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब की घटनाओं में प्रशासन और पुलिस के वरीय अधिकारियों पर कार्रवाई हो. थानेदार, चौकीदार और ग्राम रक्षकों को पकड़ने मात्र और उन पर कार्रवाई करने से इन घटनाओं को नहीं रोका जा सकता है. पुलिस प्रशासन के अधिकारी लोगों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराने से रोक रहे हैं. उन्हें कहा जा रहा है कि निजी अस्पताल ले जाएं ताकि मृतकों और बीमार लोगों की सही संख्या का पता नहीं चल सके. यह खेल बन्द होना चाहिए.
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पूर्व में छपरा समेत राज्य के अनेक जिलों में जहरीली शराब से सैकड़ों लोगों की मौतें हो चुकी हैं. सरकार ने किसी भी घटना को गंभीरतापूर्वक नहीं लिया. अब यह जरूरी है कि शराबबंदी के बाद से अब तक 7 वर्षों में हुई इन घटनाओं की जांच हाइकोर्ट के सिटिंग जज से करायी जाए, ताकि इन घटनाओं के स्रोत, ट्रेंड और पद्धति के साथ षडयंत्र करने वालों का पता चल सके. इस प्रकार की जांच के बाद उनकी अनुशंसा को भी सरकार के द्वारा लागू किया जाना, समाज और राज्य के हित में होगा.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूर्व की भांति कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. इस घटना के बाद गरीब और कमजोर परिवार के लोगों को पकड़ा जा रहा है. इससे सरकार को कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है. आज आवश्यकता है कि उन माफिया को पकड़ा जाए, जिन्होंने अवैध शराब की आपूर्ति कर रहे हैं. सत्ता संरक्षण के कारण ऐसे माफिया का कोई बाल बांका भी नहीं कर सकता है. क्या मुख्यमंत्री बताएंगे कि आरजेडी द्वारा गोपालगंज में शराब कारोबारी को उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्होंने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की थी?