बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को बख्तियारपुर स्थित अपने पैतृक आवास पर जाति गणना (Bihar Caste Census 2023) में अपनी जानकारी दर्ज कराने पहुंचे. इस दौरान सीएम ने कहा कि किस जाति की क्या स्थिति है. इस बारे में सभी को जानकारी तो देना ही चाहिए. हमारे यहां इतनी जाति में इतने लोग हैं. इस जाति में इतने लोगों की आर्थिक स्थिति खराब है. जाति किसी को भ्रम न हो. सरकार के पास सब जानकारी होगी. जिसकी जैसी स्थिति होगी वैसी मदद मिलेगी.
नीतीश कुमार ने कहा कि काफी दिनों से मांग की जा रही थी. राज्य में जाति गणना की जाए. इसके लिए विधानसभा और विधान परिषद में भी कई बार हमलोगों ने बात की. इसके बारे में लिखकर केंद्र सरकार को भेजा. सब तैयारी हो गयी. फिर केंद्र सरकार ने कहा कि हम नहीं कराएंगे. इसके बाद, हमने राज्य में अपने स्तर से गणना शुरू की. आपने देखा है कि राज्य में हर दस साल में केंद्र सरकार के द्वारा जनगणना करायी जाती थी, मगर ये पहली बार है सरकार के द्वारा जनगणना कराने में इतनी देरी की जा रही है.
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अपने पैतृक आवास पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता पर कहा कि उन्होंने पहले भी कोशिश की थी. फिर सात महीने बाद दिल्ली से बुलाया गया तो गए. अब सभी विपक्षी दल एकजुट और एक मंच पर आने के लिए तैयार हो गये हैं. सीएम अपनी बात रख रहे थे कि कार्यकर्ता एक बार फिर से उनका नाम लेते हुए प्रधानमंत्री पद की दावेदारी वाला नारा लगाने लगे. मुख्यमंत्री ने सुनते ही, हाथ जोड़कर लोगों से ऐसे नारेबाजी नहीं करने की अपील की. उन्होंने कहा कि अभी हमलोग साथ चुनाव लड़ रहे हैं. कल भी पटना में कार्यकर्ताओं को रोका गया था.