पटना. पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों से मचे कोहराम के बीच सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी घोषणा कर दी. उन्होंने शराब से होनेवाली मौत को भी आपदा की सूची में शामिल कर लिया है. बिहार सरकार अब शराब से हुई मौत पर भी मुआवजा देगी. यह मुआवजा मरनेवाले व्यक्ति के आश्रितों को दिया जायेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख रुपये मुआवजे के तौर पर करनेवाले व्यक्ति के आश्रितों को दिये जायेंगे. उन्होंने साफ किया कि ये राहत सिर्फ मोतिहारी में शराब से मरनेवालों के आश्रितों के लिए नहीं है, बल्कि 2016 के बाद के सभी आश्रितों के लिए है. यह मुआवजा जितने लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है, उन सभी लोगों के परिवारों को दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद मद्यनिषेद विभाग के मंत्री व प्रधान सचिव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार ने जहरीली शराब से हुई मौत के बाद उस पीड़ित परिवार के साथ खड़े होने का फैसला किया है. सरकार ने मुआवजे का प्रावधान 2016 से अब तक हुई मौत के लिए किया है. मरनेवाले व्यक्तियों के आश्रितों को मुआवजा लेने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज समर्पित करने होंगे और कुछ शर्तों को पूरा करना होगा. जो इन शर्तों को पूरा करेंगे उसे ही मुआवजे की राशि प्रदान की जायेगी.
आबकारी विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने कहा कि उनके परिजनों को डीएम के यहां यह लिखित में देना होगा कि मरने वाले व्यक्ति ने शराब पी थी, जिसकी वजह से उनकी मौत हुई थी. इसके साथ ही परिवार वालों को शराब कहां से ली थी, उसका नाम और पता भी देना होगा. साथ ही साथ यह भी लिखकर देना होगा कि बिहार सरकार की शराबबंदी की नीति बेहतर है और इसका हम सभी दिल से समर्थन करते हैं. इसके साथ ही यह भी शपथ लेनी होगी कि भविष्य में परिवार का कोई भी शख्स शराब नहीं पीएगा. ऐसा करने वालों को ही चार लाख रुपये की राहत दी जाएगी.