पटना. बिहार में नई सरकार बनने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली जा रहे हैं. दिल्ली में वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं से मुलाकात करेंगे. इससे पहले पिछले साल सितंबर में जी-20 सम्मेलन के दौरान नीतीश कुमार की पीएम मोदी से मुलाकात हुई थी. 12 जनवरी को विश्वास मत पर मतदान से पहले दिल्ली में होने वाली ये मीटिंग बेहद अहम मानी जा रही है. कैबिनेट को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है. वह आठ फरवरी को पटना लौट आयेंगे. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान नीतीश कुमार बिहार से जुड़ी कुछ जरूरी मांगों को रखेंगे.
जदयू ने बताया शिष्टाचार मुलाकात
इस मुलाकात को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) के महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात है. उहोंने 27 फरवरी को होने वाले संसद के ऊपरी सदन के चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि जहां तक राज्यसभा चुनावों का सवाल है, अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है. जेडीयू के एक नेता ने कहा कि नीतीश कुमार दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलेंगे. इससे पहले सोमवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी.
कैबिनेट और परियोजनाओं पर हो सकती है चर्चा
सूत्रों की माने तो दोनों नेताओं के बीच बिहार कैबिनेट के विस्तार पर बात हो सकती है. साथ ही नीतीश कुमार बिहार में चल रही केंद्रीय योजनाओं पर भी प्रधानमंत्री से चर्चा कर सकते हैं. बिहार में कई ऐसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं जो राशि के अभाव में बेहतर धीमी गति से चल रही हैं. नीतीश कुमार इन योजनाओं के लिए केंद्र से राशि की मांग कर सकते हैं. दरभंगा एयरपोर्ट और दरभंगा एम्स के शिलान्यास को लेकर भी दोनों नेताओं में बातचीत होने की उम्मीद है.
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राज्यसभा चुनाव को लेकर हो सकती है बात
बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 फरवरी है. चुनाव के लिए अधिसूचना गुरुवार को जारी होने की संभावना है. बिहार विधानसभा में संख्या के अनुसार, बीजेपी और आरजेडी दो-दो सीटें और जेडीयू एक सीट जीतेगी. किसी भी अन्य पार्टी के पास अपने दम पर छठी सीट जीतने के लिए संख्या नहीं है. हालांकि, आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के पास संयुक्त उम्मीदवार होने की स्थिति में संख्या है. खाली होने वाली छह सीटों में से दो जेडीयू के पास हैं, जिन पर पूर्व अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगड़े का कब्जा है.
जदयू को दो में से एक सीट छोड़ना होगा
बिहार में एक उम्मीदवार को राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के लिए 35 विधायकों के वोट की आवश्यकता होती है. बीजेपी के पास 78 सीटें और जेडीयू के पास 45 सीटें हैं. विधानसभा में एनडीए के पास 128 सदस्यों का समर्थन है, लेकिन चार उम्मीदवारों के लिए उसे 140 सदस्यों की आवश्यकता होगी. विधानसभा में अकेले आरजेडी के पास 79 वोट हैं, जो दो सीटों की गारंटी देता है. महागठबंधन के पास अपने तीसरे उम्मीदवार के लिए 115 वोट हैं. उसे सिर्फ 105 की जरूरत है. हालांकि, सिर्फ 19 सीटों वाली कांग्रेस को अपनी सीट बरकरार रखने के लिए गठबंधन सहयोगियों के समर्थन की जरूरत है.