पटना. बिहार में महागठबंधन की सरकार के गठन के बाद आज विधानसभा में नीतीश कुमार विश्वास मत पेश करेंगे. भाजपा का साथ छोड़कर नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गये और तेजस्वी यादव समेत अन्य विपक्षी दलों के साथ सरकार बना चुके हैं. आज विधानसभा में उनकी नयी सरकार को विश्वासमत हासिल करना है. वैसे तो सरकार के पास प्रयाप्त बहुमत है, लेकिन फिर भी आज सदन के अंदर भाजपा और जदयू का शक्ति परीक्षण होना है. इसके लिए विधानसभा की विशेष बैठक बुलायी गई है.
विधानसभा में आज सुबह 11 बजे सरकार की तरफ से विश्वासमत पेश किया जाएगा. विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है. प्रशासनिक स्तर पर भी सुरक्षा के इंतजाम कर रखे गए हैं. विश्वास मत हासिल करने के लिए यह विशेष सत्र बुलाया गया है. विश्वासमत के अलावे विधानसभा में कई अन्य एजेंडों पर भी कार्रवाई होनी है. मौजूदा विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और फिर नए स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विश्वास मत पेश करेंगे.
विधानसभा के विशेष सत्र को देखते हुए कल अलग अलग राजनीतिक दलों की तरफ से उनके विधायकों और विधान पार्षदों की बैठक बुलाई गई थी. देर शाम तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की थी और आज के विशेष सत्र को लेकर रणनीति पर बातचीत की थी. सरकार के विश्वासमत के खिलाफ केवल भारतीय जनता पार्टी की सदन में नजर आ रही है, जबकि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने अब तक अपना स्टैंड साफ नहीं किया है, उनकी पार्टी का केवल एक विधायक विधानसभा में हैं.
आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो नीतीश और तेजस्वी सरकार के साथ कुल 164 विधायकों का समर्थन है. मौजूदा सरकार के समर्थन में राजद के 79 विधायकों के अलावे जदयू के 45, कांग्रेस के 19, माले के 12 विधायक शामिल हैं. इसके साथ साथ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के चार, सीपीआई के दो, सीपीएम के दो और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी सरकार के पक्ष में है. इस लिहाज से विश्वास मत में कोई अड़चन नजर नहीं आ रही है. भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा में कुल 76 विधायक हैं, जबकि एआईएमआईएम के एक विधायक भी सरकार के खिलाफ मतदान कर सकते हैं.