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नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार के किसानों को दी राहत, धान बेचने के लिए अब नहीं दिखाने होंगे एलपीसी और रेंट रसीद

यदि कोई पैक्स डिफाल्टरहै और धान नहीं खरीद पा रही है तो उस क्षेत्र के किसान पास की पैक्स या व्यापार मंडल को बेच सकते हैं. एजेंसी खरीद के लिये उसी पंचायत में खरीद करने पहुंचेगी़

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2020 6:58 AM

पटना. धान किसानों की परेशानी को दूर करने और पारदर्शिता के साथ खरीद का लक्ष्य पूरा करने के लिये राज्य सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है. अब कोई भी किसान पैक्सों से बिना जमीन के कागजात दिखाये अपने धान की बिक्री कर सकेगा.

धान बेचने वाले किसानों को कृषि विभाग में निबंधन कराना अनिवार्य होगा. लेकिन, उन्हें धान बिक्री के समय जमीन स्वामित्व प्रमाण पत्र और रशीद की कापी नहीं दिखानी होगी. उन्हें सिर्फ कृषि विभाग का निबंधन ही दिखाना होगा.

कृषि विभाग में निबंधित सभी किसान अब धान बेचने के लिये पात्र माने जायेंगे़ सहकारिता मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने गुरुवार को सूचना भवन में संयुक्त प्रेस कान्फेंस में किसानों- पैक्सों को राहत देने वाली कई घोषणाएं की.

डिफाल्टर हो चुकी जिन पैक्स में नये अध्यक्ष चुन लिये हैं, उनको भी धान खरीद की सशर्त अनुमति दे दी गयी है. डिफाल्टर पैक्स जमानत देकर सीसी लिमिट ले सकते है. जमानत में वह धान या उससे मिलने वाली धनराशि दे सकते हैं. दोनों मंत्रियों का कहना था कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर खरीद प्रक्रिया में सुधार लगातार जारी है.

कृषि, सहकारिता एवं गन्ना उद्योग मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हम धान खरीद का मॉडल पूरे देश में पेश करना चाहते हैं. रोजाना सुधार हो रहा है़ एलपीसी बार- बार बनवाने से बचने के लिये रैयत किसान भी गैर रैयत बन गये थे.

अंचल कार्यालयों में इस प्रमाण पत्र के लिये किसानों को परेशानी हो रही थी. राज्य में गैर रैयत किसानों की संख्या बढ़ी तो सरकार को भी चिंता हुई. किसानों की परेशानी को दूर करने के लिये एलपीसी, रेंट रसीद आदि की जटिलता से किसानों को मुक्त कर दिया गया है.

धान खरीद भी बहुत पहले शुरू करा दी गयी है. अफसरों ने संवेदनशीलता से काम किया है. पैक्सों की क्रेडिट लिमिट भी दो से तीन गुना बढ़ा दी गयी है़ 15 फरवरी तक लक्ष्य पूरा कर लिया जायेगा़ अभी तक दो लाख एमटी धान खरीदा गया है.

सहकारिता मंत्री से किसानों से सुखाने के बाद क्रय केंद्र पर धान ले जाने की सलाह दी है. सरकार 17 फीसदी तक नमी वाला ही धान खरीदती है.

खाद्य सचिव रोजाना डीएम से ले रहे रिपोर्ट, 48 घंटे में होगा भुगतान

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि 5826 खरीद केंद्र संचालित हो रहे हैं. विभाग के सचिव प्रतिदिन शाम को सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कान्फ्रेंस कर समस्याएं दूर कर रहे हैं.

डीएम को औचक निरीक्षण करने को कहा गया है. किसानों को 48 और पैक्स – व्यापार मंडल को 72 घंटे में भुगतान कर दिया जायेगा. सरकार ने धान खरीद की सीमा 45 लाख टन कर दी है. इस रैयत 250 और गैर रैयत 100 क्विंटल धान बेच सकता है़

यदि कोई पैक्स डिफाल्टरहै और धान नहीं खरीद पा रही है तो उस क्षेत्र के किसान पास की पैक्स या व्यापार मंडल को बेच सकते हैं. एजेंसी खरीद के लिये उसी पंचायत में खरीद करने पहुंचेगी़

मंत्री ने कहा कि जो पैक्स डिफाल्टर हैं उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई जारी रहेगी. हालांकि जहां नये अध्यक्ष बने हैं उनको कहा गया है कि जमानत देकर सीसी लिमिट ले लें. इस मौके पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार, निबंधक सहयोग समितियां राजेश मीणा भी मौजूद रहे.

Posted by Ashish Jha

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