पटना. राज्य सरकार अब 30 लाख की जगह 45 लाख टन धान की खरीद करेगी. राज्य में धान खरीद के मुद्दे पर विपक्ष के हमलों के बीच धान खरीद में पिछले साल की तुलना में तेजी आयी है.
इस साल अब तक पिछले साल की तुलना में इस बार 12 गुना अधिक न केवल धान खरीदा गया, बल्कि पांच गुना अधिक क्रय केंद्र संचालित किये जा चुके हैं.सभी किसानों का धान खरीदा जा सके इसके लिए पिछले साल से एक हजार के करीब क्रय केंद्र अधिक खोले जायेंगे.
कृषि एवं सहकारिता मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के स्तर पर धान खरीद पर नजर रखी जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी समय- समय पर अपडेट दिया जा रहा है. शुक्रवार को भेजी गयी रिपोर्ट को आधार मानें, तो पिछले साल की तुलना में इस साल धान खरीद की स्थिति बेहतर हुई है.
चार दिसंबर, 2019 को राज्य में मात्र 104.6 एमटीएम धान खरीदा गया था. 725 पैक्स और व्यापार मंडल पर खरीद हुई थी. इस बार चार दिसंबर तक 1266.27 एमटीएम धान खरीदा जा चुका है. 4207 केंद्रों पर खरीद शुरू हो चुकी है.
समितियों को 2250 करोड़ का कैश क्रेडिट दिया जा चुका है, यह पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक है. 2019 में राज्य में 5424 के करीब पैक्स और व्यापार मंडलों ने धान की खरीद की थी.
इस बार छह हजार से अधिक समितियां धान क्रय करेंगी. यदि किसी पैक्स या व्यापार मंडल पर किसी कारण से खरीद नहीं होगी, तो उस पंचायत – क्षेत्र के किसानों को नजदीकी पैक्स या व्यापार मंडल से जोड़ दिया जायेगा.
बिहार सरकार के अनुरोध पर केंद्र ने राज्य में 45 लाख एमटीएम धान की खरीद करने का फैसला लिया है. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने राज्य की ओर से केंद्र को पत्र लिख कर इसका अनुरोध किया था. उनके अनुरोध पर तीस लाख टन धान की जगह तीस लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्य मिला.श्री यादव ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल को धन्यवाद दिया है.
कृषि एवं सहकारिता मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शपथ लेने के दूसरे दिन ही धान खरीद को लेकर पत्र जारी कर दिया था, ताकि किसानों को दिक्कत न हो. समय से पैसा आवंटन कराया गया. अधिकारियों को निर्देश है कि क्रय केंद्रों पर किसानों को कोई दिक्कत नहीं हो. खरीद का लक्ष्य पूरा होने के बाद भी किसान अंतिम तारीख 31 जुलाई तक धान लेकर आयेगा तो केंद्र खरीद करेंगे.
Posted by Ashish Jha