नल जल योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी सरकार, 138 ठेकेदार और एजेंसियां की जायेंगी ब्लैक लिस्टेड

एकरारनामा के मुताबिक काम नहीं किया है. इस कारण से इन्हें काली सूची में डाला जाये एवं इनसे जुर्माना भी वसूला जाये, ताकि यह आगे राज्य सरकार के किसी भी योजना में काम नहीं कर सकें.

By Prabhat Khabar News Desk | December 31, 2020 8:30 AM

पटना. मुख्यमंत्री नल जल योजना को समय पर पूरा नहीं करने और विभागीय एकरारनामा को दरकिनार कर काम करने वाले 138 ठेकेदारों और एजेंसियों को काली सूची में डालने के लिए विभाग ने निर्देश दिया है.

इन सभी एजेंसियों के खिलाफ विभाग को यह कहा गया था कि इन ठेकेदारों के कारण योजना प्रभावित हुई है और देर भी.

वहीं, इन्होंने एकरारनामा के मुताबिक काम नहीं किया है. इस कारण से इन्हें काली सूची में डाला जाये एवं इनसे जुर्माना भी वसूला जाये, ताकि यह आगे राज्य सरकार के किसी भी योजना में काम नहीं कर सकें. इसके लिए विभाग ने कार्यपालक अभियंता को डिबार करने का निर्देश दे दिया है.

यह है कारण, जांच में यह आया मामला

हर घर नल का जल योजना को पूरा करने के लिए विभाग में कार्यरत संवेदकों की भी संख्या काफी अधिक है.

ऐसा में जब अधिकारियों के द्वारा सोशल ऑडिट और स्थल निरीक्षण किया गया है, तो यह माना गया काम में लापरवाही की गयी है. कई ठेकेदारों ने काम करने में बहुत अधिक देर की है. वहीं, एकरारनामा के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है.

कार्य लंबित रहने व समयानुसार पूर्ण नहीं होने से लोगों को परेशानी हुई है. विभाग में संवदेकों के निबंधन एवं उनके निबंधन के निलंबन के संबंध में बिहार ठेकेदारी निबंधन नियमावली 2007 लागू है. इस नियमावली के अनुसार काली सूची में डाला गया है.

कई जगहों पर काम को बीच में छोड़ दिया

योजना के तहत काम करने में कई जगहों पर काम को बीच में छोड़ दिया गया. कई जगहों पर पाइप की जमीन के भीतर गहराई तय एकरारनामा से कम मिली है.

वहीं, पाइप को जहां से ज्वाइंट करना है यानी कितनी दूरी पर जोड़ देकर मोड़ना है. उसमें भी नियमों का पालन नहीं किया गया है. बीच में काम छोड़ने के कारण लोगों को परेशानी हुई है और योजना भी तय समय से पीछे हुआ है.

काली सूची में डाल कर भेजा गया नोटिस

नियमानुसार काली सूची के विरुद्ध संवेदक तीस दिनों के भीतर प्रधान सचिव या सचिव के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं, लेकिन उन्हें स्पष्टीकरण में सारा डिटेल देना होगा.

इसके बाद दोबारा से अगर किसी एजेंसी व ठेकेदार को काली सूची से बाहर निकाला गया, तो उस काम को दोबारा से अधिक स्थल पर जाकर देखेंगे, जहां उनका काम धीरे या लापरवाही से किया था. उसके बाद ही दोबारा से उन्हें डिबार से बाहर किया जायेगा.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version