पटना. नीतीश सरकार की गठबंधन सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है. बिहार के करीब 94 लाख परिवारों को सरकार 2-2 लाख रुपये देगी. यह रुपये तीन किश्तों में मिलेगी. कुछ महीने पहले कराये गये जातिगत गणना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका एलान किया था. उन्होंने कहा था कि बिहार के सारे गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये दिये जायेंगे. आज इस पर बिहार कैबिनेट की मुहर लग गयी है.
बिहार लघु उद्यमी योजना को कैबिनेट की मुहर
बिहार कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब ये बिहार लघु उद्यमी योजना लागू हो गयी है. इस योजना के तहत गरीब परिवारों को रोजगार के लिए सरकार की ओर से दो लाख रुपये की मदद दी जायेगी. इसका लाभ जनरल, एससी, एसटी, ओबीसी, ईबीसी सभी वर्गों के गरीबों को मिलेगा. राज्य सरकार द्वारा अब इस योजना के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. आवेदन मिलने के बाद लॉटरी के जरिए उन लोगों का चयन किया जायेगा, जिन्हें पैसे मिलने हैं.
ऐसे मिलेंगे पैसे
बिहार कैबिनेट के फैसले में कहा गया है कि जाति आधारित गणना के अनुसार राज्य में आर्थिक रूप से गरीब परिवारों की संख्या 94 लाख से अधिक है. राज्य सरकार की ओर से 05 सालों में हर गरीब परिवार के कम-से-कम एक सदस्य को रोजगार हेतु अधिकतम 2.00 लाख अनुदान की राशि तीन किश्तों में दी जानी है, जिससे वे उद्यम स्थापित करते हुए अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकेंगे और बेरोजगारी दर में कमी लायी जा सकेगी.
पांच वर्षों के लिए योजना लागू
कैबिनेट संबंधी सूचना देते हुए जानकारी दी गयी है कि राज्य मंत्रिपरिषद् द्वारा “बिहार लघु उद्यमी योजना” के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गयी है. सरकार ने इस योजना को साल 2023-24 से 5 सालों के लिए लागू की है. कैबिनेट ने इस वित्तीय वर्ष यानि 2023-24 में दो सौ पचास करोड़ रूपये खर्च करने और साल 2024-25 में सांकेतिक रूप से एक हजार करोड़ रूपये खर्च करने की मंजूरी दी है. यानि कुल एक हजार दो सौ पचास करोड़ रूपये की राशि खर्च करने की मंजूरी दी गयी है.
पांच वर्षों में मिलेंगे 94 लाख परिवारों को दो लाख रुपये
बिहार सरकार की जातिगत गणना की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 94 लाख 33 हजार 312 परिवार ऐसे हैं, जिनकी महीने भर की आमदनी 6000 रुपये से कम है. सरकार ने ऐसे परिवारों को गरीब माना है. इन्हीं परिवारों के लिए बिहार लघु उद्यमी योजना लागू की गयी है, लेकिन सभी 94 लाख गरीब परिवारों को एक साथ पैसा नहीं मिलेगा. सरकार ने कहा है कि पांच साल में बारी बारी से सभी परिवारों को पैसा दिया जायेगा. हर परिवार से एक व्यक्ति को ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा. लेकिन किसी भी व्यक्ति को एक बार में दो लाख रुपये नहीं दिये जायेंगे. सरकार ने फैसला लिया है कि किसी भी लाभुक को तीन किश्त में दो लाख रूपये दिये जायेंगे.
लॉटरी से होगा चयन
इस योजना को उद्योग विभाग के जरिये लागू किया जायेगा. पैसे के लिए आवेदन मिलने के बाद लॉटरी के जरिए लाभार्थियों का चयन किया जाएगा. हर साल लॉटरी के जरिये लाभुकों को चयनित किया जायेगा और पांच साल में सभी परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा. सरकार कह रही है कि इस योजना का मकसद है कि हर गरीब परिवार का एक व्यक्ति दो लाख रूपये से अपना कोई कारोबार कर सके. इससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और वे गरीबी से बाहर निकलेंगे.
आर्थिक उत्थान के लिए चलाया विशेष अभियान
लघु उद्यमी योजना से इन परिवारों को आटा, सत्तु, मसाला, पापड़, आचार, मिठाई, फर्निचर, नाव निर्माण, मोमबत्ती, मधुमक्खी का बक्सा जैसे कार्य कर स्वरोजगार का लाभ मिल सकेगा. राज्य सरकार द्वारा दी गयी राशि उन्हें वापस नहीं लौटानी होगी. राज्य में ऐसे कुल 94 लाख 33 हजार 312 गरीब परिवार हैं, जिनकी मासिक आय छह हजार रुपये से कम है. राज्य सरकार ऐसे परिवारों के आर्थिक उत्थान के लिए एक विशेष अभियान चलायेगी.
लघु उद्यमी योजना से दिलायी जायेगी सहायता
गरीब परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार का साधन उपलब्ध कराने के लिए दो-दो लाख की राशि दी जायेगी. गरीब परिवारों के लिए सरकार ने 62 प्रकार के उद्योगों को चिह्नित कर चुकी है. सरकार ने इस योजना में 2023-24 में 250 करोड़ और 2024-25 के लिए सांकेतिक रूप से एक हजार करोड़ के बजट का प्रावधान करने जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने बिहार लघु उद्यमी योजना सहित कुल 18 प्रस्तावों की मंजूरी दे दी.
गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने बताया कि जाति आधारित गणना के अनुसार विभिन्न वर्ग के गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है. इसमें सामान्य वर्ग के 10 लाख 85 हजार 913 परिवार (25.09 प्रतिशत), पिछड़ा वर्ग के परिवारों की संख्या 24 लाख 77 हजार 970 (33.16 प्रतिशत), अत्यंत पिछड़ा वर्ग के परिवारों की संख्या 33 लाख 19 हजार 509 (33.58 प्रतिशत), अनुसूचित जाति के परिवारों की संख्या 23 लाख 49 हजार 111 (42.93 प्रतिशत) और अनुसूचित जनजाति के परिवारों की संख्या दो लाख 809 (42.70 प्रतिशत) है.
ऑनलाइन आवेदन करना होगा
उन्होंने बताया कि इन गरीब परिवारों के कम से कम एक सदस्य को रोजगार के साधन उपलब्ध कराया जायेगा. योजना का लाभ पाने के लिए पात्रता निर्धारित की गयी है. लाभुक को इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदक की उम्र 18-50 वर्ष के बीच व बिहार का निवासी होना चाहिए. उनके आधारकार्ड पर बिहार का पता अंकित होना चाहिए. लाभान्वितों का चयन कंपूटरीकृत रैंडमाइजेशन के माध्यम से किया जायेगा. इसके लिए उस वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुसार आवेदकों का चयन किया जायेगा. इसमें 20 प्रतिशत आवेदकों को प्रतीक्षा सूची में रखा जायेगा.
परिवार की तय हुई परिभाषा
प्रत्येक परिवार की परिभाषा में पति, पत्नी एवं अविवाहित पुत्र एवं पुत्री शामिल होंगे. योजना के तहत प्रत्येक लाभुक को स्वरोजगार के लिए अधिकतम दो लाख की राशि तीन किस्तों में दी जायेगी. पहली किस्त में परियोजना लागत की 25 प्रतिशत, दूसरी किस्त में परियोजना लागत की 50 प्रतिशत और तीसरी किस्त के रूप में परियोजना लागत की 25 प्रतिशत राशि दी जायेगी.
राज्य अनुश्रवण समिति का होगा गठन
योजना के कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए राज्य अनुश्रवण समिति का गठन किया जायेगा. इस समिति के अध्यक्ष उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव या सचिव होंगे. सदस्य के रूप में वित्त विभाग के संयुक्त स्तर से अन्यूुन पदाधिकारी, ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव स्तर से अन्यून पदाधिकारी, श्रम संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव स्तर से अन्यून पदाधिकारी , उद्योग विभाग द्वारा नामित दो प्रतिनिधि और निदेशक उद्योग अथवा निदेशक तकनीकी विकास विभाग के सदस्य सचिव होंगे. इसी प्रकार से जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला अनुश्रवण समिति का गठन किया जायेगा. इसके सदस्य उप विकास आयुक्त, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक और महाप्रबंधक,जिला उद्योग केंद्र इसके सदस्य सचिव होंगे.
इन उद्योगों के लिए मिलेगा अनुदान
आटा,सत्तू, बेसन उत्पादन, मसाला उत्पादन, नमकीन, जैम,जेली व सॉस, नूडल्स, पापड़, आचार, मुरब्बा, फलों का जूस, मिठाई, बढ़इगिरी, नाव निर्माण, लकड़ी का फर्निचर, बेंत का फर्निचर, सीमेंट का जाली,दरवाजा एवं खिड़की, प्लास्टर ऑफ पेरिस का समान, डिटर्जेंट पाउडर, साबून, सैंपू, बिंदी एवं मेंहदी उत्पादन, मोमबत्ती उत्पादन, कृषि यंत्र निर्माण, गेटग्रिल एवं वेल्डिंग, मधुमक्खी का बक्खा, आभूषण निर्माण, स्टील का बॉक्स, आलमीरा, बिजली पंखा एसेंबलिंग, स्टेबिलाइजर, इनवर्टर, यूपीएस, सीसीटीवी एसैंबलिंग, आटी बिजनेस केंद्र, मोबाइल एवं चार्जर रिपेयरिंग. ऑटो गैरेज, एयर कंडिसन रिपेयरिंग, टू ह्वीलर रिपेयरिंग, टायर रिट्रेडिंग, डीजल इंजन एवं पंप रिपेयरिंग, ताला-चाभी की मरम्मति, सैलून, ब्यूटी पार्लर, ढ़ाबा,होटल, रेस्टूरेंट, लौंड्री, राजमिस्त्री, सोना-चांदी जेवर निर्माण, केला रेशा का निर्माण, फूल का माला, सजावटी माला का निर्माण, रेडिमेड वस्त्र, कसीदाकारी, मच्छरदानी, बेडसीट, तकिया कवर, पत्थर मूर्ति निर्माण, लाह चूड़ी का निर्माण और कुम्हार के लिए राशि दी जायेगी.