पटना के वेटनरी कॉलेज के मैदान में जदयू ने भीम संसद का आयोजन किया. रविवार को जदयू के भीम संसद को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारे ही इशारे में भाजपा पर जमकर निशाना साधा. सीएम नीतीश कुमार कार्यक्रम में उपस्थित हुए लोगों की संख्या देखते हुए बेहद उत्साहित हुए और उन्होंने कार्यक्रम में मिले अपार समर्थन का स्वागत किया. सीएम ने 2005 के पहले और बाद के बिहार की बात की. अपने कार्यकाल की उपलब्धि को बताया.
भीम संसद को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में हमारी सरकार ने काफी काम किया. विकास के कई कार्य किए गए. सीएम ने कहा कि 2005 के पहले का बिहार अलग था और 2005 के बाद बिहार में कई बदलाव हुए. सीएम ने कहा कि आज संविधान दिवस है. आज का दिन काफी अहम है. केंद्र सरकार आज कई कार्यक्रम करती है लेकिन केंद्र कोई काम नहीं करती है.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में बड़ी आबादी ऐसी थी जो पढ़ती नहीं थी. इनमें अधिकतर मुस्लिम और महादलित समुदाय के लोग थे. हमने टोला सेवक और तालीमी मरकज बहाल किए और इन्हें सरकारी बनाया. इनका वेतन अब 22000 किया है. सीएम ने इस दौरान बड़ी घोषणा की और कहा कि अगले साल यानी वर्ष 2024 में इनका वेतन और बढ़ाया जाएगा. सीएम ने इस दौरान आरक्षण के बढ़ाये गए दायरे का जिक्र किया और कहा कि जातीय सर्वे कराकर हमने जाति के सटीक आंकड़े सामने लाए. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को और बढ़ाया.
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सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ये बड़ी तादाद में आए लोग हमारे साथ में हैं. हमें प्रचार की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों को पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए हमलोगों ने काफी काम किया. अगर और काम करने की जरुरत होगी तो वो भी होगा. सीएम ने लोगों को कहा कि वो कागज में कुछ लिखकर लाए हैं तो दे दें. हम उसे पढ़ेंगे. सीएम ने कहा कि आज का दिन हमने ही इस कार्यक्रम के लिए चुना था. बाबा साहेब अंबेडकर के ही नेतृत्व में संविधान बनाने कमिटी बनी थी. सीएम ने कहा कि हमलोग पार्टी में पांच नाम रखते हैं और उनके विचारों पर चलते हैं. मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी, बाबा साहेब अंबेडकर, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर का नाम लेते हुए उनके कामों को गिनाया. ललन सिंह को कर्पूरी ठाकुर का शिष्य बताते हुए उन्होंने पुराने दिनों को याद किया.
नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय आधारित गणना में हर चीज का सर्वे किया गया. पहले से अब कितनी संख्या बढ़ गयी ये तो पता होगा. सीएम ने आरक्षण के बढ़ाये गए दायरे का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि केवल जातीय गणना नहीं बल्कि आर्थिक स्थिति का भी पता कराया गया. हर वर्ग में गरीबी का पता चला. सरकार ने हर वर्ग के उत्थान के लिए काम करने का फैसला किया. भाजपा पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबके हित में काम करने के लिए 2 लाख 50 करोड़ रुपए की सरकार को जरुरत है. नीतीश कुमार ने विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए कहा कि इसके लिए सबसे बड़ा अभियान चलाया जाएगा. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा तो गरीबी दो साल में खत्म कर दी जाएगी. पत्रकारों से भी मुख्यमंत्री ने इसके लिए समर्थन मांगा.
नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि हम मदद कर रहे हैं. लेकिन आप मदद क्या करते हैं. जिस चीज का आप प्रचार करते हैं उसमें 60 प्रतिशत आप करते हैं और 40 प्रतिशत राज्य का लेते हैं लेकिन इसे अपना नाम आप दे देते हैं. राज्य का कहीं नाम नहीं लेते हैं. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना होगा.