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नीतीश कुमार ने किया मुजफ्फरपुर में इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन, कहा- 1300 लोगों को मिलेगा रोजगार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आज दक्षिण बिहार को एक और सौगात दी है. उन्होंने मोतीपुर में इथेनॉल प्लांट (Ethanol Plant) का उद्घाटन किया है. मोतीपुर में शुरू हुए इथेनॉल प्लांट रोजगार का बड़ा अवसर मिलेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2023 1:18 PM
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आज दक्षिण बिहार को एक और सौगात दी है. उन्होंने मोतीपुर में इथेनॉल प्लांट (Ethanol Plant) का उद्घाटन किया है. मोतीपुर में शुरू हुए इथेनॉल प्लांट रोजगार का बड़ा अवसर मिलेगा. उद्योग विभाग की ओर से दावा किया गया है कि नये इथेनॉल प्लांट में 1,300 लोगों को रोजगार मिलेगा. इसमें 300 प्रत्यक्ष रूप से और 1,000 अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ेंगे. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक ने बताया है कि मोतीपुर में 152 करोड़ की परियोजना लागत से ग्रीन फील्ड अनाज आधारित इथेनॉल प्लांट तैयार हुआ है. एक वर्ष के अंदर यह दूसरा इथेनॉल प्लांट है, जिसका उद्घाटन होगा.

मुजफ्फरपुर में दो और इथेनॉल प्लांट हो रहे तैयार

उद्योग विभाग की ओर से बताया गया है कि बिहार भारत का अनाज आधारित इथेनॉल हब बनने की राह पर है. इसमें निकट भविष्य में उत्तर बिहार की अहम भूमिका होगी. प्रधान सचिव ने यह भी जानकारी दी है कि सरकार की इथेनॉल नीति के तहत बिहार में कई और ग्रीन फील्ड प्लांट पूरा होने के करीब है. इसमें मुजफ्फरपुर में 2, नालंदा में 3, बेगूसराय में 1 और बक्सर में 1 इथेनॉल प्लांट जून, 2023 तक पूरा होने की संभावना जतायी गयी है.

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प्रति वर्ष 10 करोड़ लीटर उत्पादन का लक्ष्य

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, मोतीपुर स्थित इथेनॉल प्लांट से प्रतिवर्ष 10 करोड़ लीटर उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. जानकारी के अनुसार पूरे प्लांट में 320 केएलपीडी ( किलो लीटर पर डे ) की संयुक्त क्षमता की मशीनों को लगाया गया है. एक साथ चार इथेनॉल प्लांट के शुरू होने के बाद यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है.

किसानों को फसलों की मिलेगी बेहतर कीमत

उद्योग विभाग के दावों के अनुसार, रोजगार के साथ किसानों को भी इससे काफी लाभ होगा. इथेनॉल प्लांट में हर दिन सैकड़ों टन में मक्का या टूटे चावल की जरूरत होगी. इसकी खरीद के लिए किसानों से कंपनी सीधा संपर्क करेगी. जिले में बड़े पैमाने पर मक्का की खेती होती है. ऐसे में स्थानीय स्तर पर मक्के की मांग होने से किसानों को अच्छी कीमत मिल सकेगी. ज्यादातर बिचौलियों के कारण मक्का का उचित दाम नहीं मिल पाता है. वहीं पॉल्ट्री फीड प्लांट के लिए भी डीडीजी की उपलब्धता होगी.

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