बिहार में नियुक्ति परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक सहित अनियमितता रोकने के लिए सख्त कानून बनेगा. यह कानून बनाने के लिए संबंधित प्रस्ताव आगामी विधानसभा सत्र में लाया जायेगा. इसका मकसद नियुक्ति के लिए आयोजित परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता बनाये रखना है. इससे संबंधित सख्त कानून बनाने का निर्देश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित अधिकारियों को दिया है. यह जानकारी सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के जनसंपर्क कोषांग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है.
पेपर लीक कांड ने बढ़ायी सरकार की चिंता
दरअसल राज्य में पिछले दिनों सरकारी नियुक्ति के लिए कई परीक्षाएं हुईं. अधिकांश परीक्षाएं पेपर लीक के आरोप के बाद विवादों में रहीं. इनमें खासकर बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा, शिक्षक नियुक्ति परीक्षा और सिपाही बहाली परीक्षाओं में हुई पेपर लीक की घटनाओं ने प्रतियोगी छात्रों का भरोसा डगमगा दिया है. इनमें से अधिकांश मामलों में अंतरराज्यीय गिरोहों के सक्रिय होने की आशंका है. हालांकि इसकी जांच चल रही है. ऐसी परीक्षाओं की पारदर्शिता के लिए सख्त कानून की जरूरत थी जिससे माफियाओं में डर पैदा हो और धांधली रोकी जा सके.
कई परीक्षाएं हुईं कैंसिल
नियुक्ति परीक्षाओं में अनियमितता के कारण कई परीक्षाओं को कैंसिल करना पड़ा. ऐसी ही एक परीक्षा केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने लिया था. पर्षद ने 21391 सिपाहियों की बहाली को लेकर जून 2023 में विज्ञापन निकाला गया. करीब 18 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया. मगर एक अक्टूबर 2023 को हुई लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गयी. इसी तरह बीपीएससी द्वारा 15 मार्च 2024 को शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (फेज तीन) का आयोजन किया गया था. इसमें भी पेपर लीक होने के बाद यह परीक्षा रद्द कर दी गयी.
नीट पेपर विवाद गहराया
गौरतलब है कि इन दिनों नीट पेपर विवाद गहराया हुआ है. जिसमें कथित रूप से नीट पेपर लीक का दावा किया गया है. बिहार में कई परीक्षार्थियों को गिरफ्तार भी किया गया है. सॉल्वर गैंग के भी कई सदस्य पकड़ाए हैं और उन्होंने आर्थिक अपराध ईकाई की टीम के सामने कई खुलासे किए हैं. जिसकी जांच इन दिनों जारी है.