नीतीश कुमार कांग्रेस की नज़र में लालू प्रसाद से ज्यादा सेकुलर, जदयू उत्साहित, राजद हुआ आगबबूला
विधानसभा की दो सीटों के लिए हो रहे चुनाव में महागठबंधन की टूट का असर दिखने लगा है. कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच रिश्तों में तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है. बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने नीतीश कुमार को लालू प्रसाद से अधिक धर्मनिरपेक्ष करार दिया है.
पटना. विधानसभा की दो सीटों के लिए हो रहे चुनाव में महागठबंधन की टूट का असर दिखने लगा है. कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच रिश्तों में तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है. बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने नीतीश कुमार को लालू प्रसाद से अधिक धर्मनिरपेक्ष करार दिया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर भले ही राज्य में शासन कर रहे हैं, लेकिन सेकुलर मुद्दे पर उनका स्टैंड हमेशा से अलग रहा है. बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के इस बयान के बाद बिहार में सियासत गर्मा गयी है.
रविवार को मीडिया से बात करते हुए अनिल शर्मा ने कहा कि 1990 में भाजपा के सहयोग से सत्ता पर काबिज होने वाली पार्टी भला कैसे सेक्युलर हो सकती है. भागलपुर दंगों की जांच रिपोर्ट 1990 से 2005 तक बिहार में शासन करने वाली सरकार (तब जनता दल) ने दबा कर रखी थी.
इस अवधि में लालू यादव और राबड़ी देवी राज्य के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भागलपुर दंगों के मुख्य आरोपी को राजद के शासनकाल में सद्भावना पुरस्कार से भी नवाजा गया था.
राजद ने अनिल शर्मा के बयान को हास्यास्पद और बेतुका करार दिया है. पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अनिल शर्मा जैसे लोग कांग्रेस की लुटिया डुबोने में लगे हैं. उनके जैसे लोगों पर कांग्रेस आलाकमान दो नवंबर के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा यह तय है.
इधर, जदयू के नेता कांग्रेस के इस बयान के बाद उत्साहित नजर आ रहे हैं. पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि जदयू के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार हमेशा से ही सभी जाति, धर्म और संप्रदाय के हित की बात एक साथ करते रहे हैं, और उनका सभी के लिए समुचित प्रतिनिधित्व कानून का सिद्धांत विरोधियों को भी रास आता है.
भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने भी कांग्रेस नेता के बयान पर कहा कि बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार की आपस में तुलना की जाए तो नीतीश कुमार बेहतर मुख्यमंत्री हैं. बहरहाल, राजनीतिक विश्लेषक भी कांग्रेस और राजद के बीच इस सियासी मुकाबले को अभी लंबी लड़ाई की शुरुआत भर मान रहे हैं.
Posted by Ashish Jha