पटना . आर्यभट्ट ज्ञान विवि में नैनो टेक्नोलॉजी, खगोलशास्त्र, भूगोल, नदी अध्ययन, जलवायु परिवर्तन समेत अन्य विषयों की पढ़ाई होगी. विधानसभा में मंगलवार को आर्यभट्ट ज्ञान विवि से संबंधित संशोधित विधेयक पारित हो गया.
इस दौरान सदन में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आर्यभट्ट नॉलेज विश्वविद्यालय के शॉर्ट फॉर्म एकेयू का प्रयोग नहीं करें. इसके पूरे नाम आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय का ही प्रयोग सभी जगहों पर हो. आजकल यह आदत हो गयी है किसी नयी चीज का संक्षेप में प्रयोग करने की. लेकिन, ऐसा नहीं होना चाहिए. ज्ञान की बात जहां हो रही हो, वहां पूरी बात का ही प्रयोग होना चाहिए.
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021 को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में प्रस्तुत किया. इस क्रम में सीएम ने कहा कि इस विशेष विश्वविद्यालय के गठन की शुरुआत उस समय की गयी थी, जब देश में इस तरह की नॉलेज यूनिवर्सिटी के गठन की कवायद बड़े स्तर चल रही थी.
इसके मद्देनजर बिहार में आर्यभट्ट के नाम पर इसकी स्थापना की गयी. आर्यभट्ट ने शून्य का अविष्कार किया था. यह महान वैज्ञानिक थे और ज्ञान के प्रतिरूप थे. इस वजह से उनके नाम पर इस विश्वविद्यालय का नाम रखा गया है.
विपक्ष के हंगामे के बीच पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार पंचायत राज (संशोधन) विधेयक, 2021 को प्रस्तुत किया. विपक्षी सदस्य वेल में थोड़ी देर तक हंगामा करते रहे और फिर यह कहते हुए वॉकआउट कर गये कि अपने हिसाब से अकेले चलाइए सदन को. इनके वॉकआउट करने के बाद सभी विधेयक सर्वसम्मति से पारित किये गये.
अब बीडीअो की जगह प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को ही पचायत से संबंधित सभी कार्य करने की जिम्मेदारी दी गयी है. जिला पर्षद की संपत्ति और उसके कार्यों की देखरेख की जिम्मेदारी डीडीसी की जगह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी की होगी. विधेयक में परामर्शदात्री समिति के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया है.
Posted by Ashish Jha