भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जन्म जयंती पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान मीडिया से बातचीत के क्रम में नीतीश कुमार का अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति आदर और प्रेम फिर एकबार सामने आया. नीतीश कुमार ने वाजपेयी सरकार के दिनों को याद किया और अपने लिए उनके अंदर के प्रेम को जाहिर किया. उन्होंने बताया कि बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में भी अटल बिहारी वाजपेयी की बड़ी भूमिका रही है.
रविवार को पटना के अटल पार्क में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को उनके जयंती पर श्रद्धांजलि दी गयी. सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की. सीएम नीतीश कुमार ने इस दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया. सीएम ने कहा कि वो मुझे बहुत मानते थे. उनके साथ मेरा रिश्ता काफी ज्यादा रहा. जब से हम सांसद रहे तब से ही उनसे मजबूत संबंध रहा है. जब उनकी (अटल बिहारी वाजपेयी) सरकार बनी तो मुझे मंत्रालय की जिम्मेवारी उन्होंने दी थी. वो मुझे कितना मानते थे.
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बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका पर भी नीतीश कुमार बोले. सीएम बोले कि उनका जो मेरे प्रति प्रेम था,और उनके प्रति जो आदर का भाव मेरे अंदर है वो जीवन भर रहेगा. वो जबतक प्रधानमंत्री रहे तबतक किसी दूसरे धर्म के लोगों को भी कोई दिक्कत नहीं होती थी. नीतीश कुमार ने कहा कि वो बहुत अच्छे से सरकार चलाते थे. उनका काम काफी अच्छा होता था. मीटिंग में जब हम कुछ कहते थे तो तुरंत उसे स्वीकार करते थे. हर क्षेत्र में उन्होंने हमें मदद की है. उनके प्रति मेरा बहुत अधिक लगाव है.
गौरतलब है कि बिहार में भाजपा के साथ मिलकर ही नीतीश कुमार सत्ता में रहे हैं. वहीं दो बार एनडीए से उन्होंने नाता तोड़ा और राजद-कांग्रेस व वामदलों के साथ मिलकर महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री बने. बिहार का सियासी समीकरण अभी बदला हुआ है. जदयू ने खुद को एनडीए से अलग कर लिया और राजद व कांग्रेस के साथ फिर से महागठबंधन की सरकार में जदयू शामिल है. वहीं लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक है. नीतीश कुमार की पहल पर इसबार विपक्षी दलों ने एकजुट होने का फैसला लिया है और विपक्षी दलों का एक गठबंधन इंडिया बना है. नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के विरोध में खुलकर मैदान में आए हैं.
बता दें कि जदयू और भाजपा के अलगाव के बाद नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर खुलकर हमला बोला है. उन्होंने इतिहास बदले की साजिश और संविधान पर हमले के साथ-साथ धर्म के नाम पर अलगाव पैदा कराने की राजनीति का आरोप नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर खुलकर लगाया है. जबकि अटल बिहारी वाजपेयी के लिए नीतीश कुमार हमेसा अपना आदर प्रकट करते दिखते हैं. नीतीश कुमार अक्सर यह कहते रहे हैं कि उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी वाली भाजपा से लगाव रहा है. अटल बिहारी सरकार में हमेसा काम की बात होती थी. वो सबको साथ लेकर चलते थे. जबकि अब धर्म के नाम पर समाज को बांटने वाली सरकार सत्ता में बैठी है. बताते चलें कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर नीतीश कुमार दिल्ली भी गए थे और अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि स्थल पर जाकर उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की थी. अटल सरकार और मोदी सरकार में फर्क वो लगातार बताते रहे हैं.
बताते चलें कि रविवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया से जुड़े भी कई सवालों के जवाब दिए. सीएम ने अपनी नाराजगी की चर्चा को गलत बताया और कहा कि वो इंडिया गठबंधन से बिल्कुल नाराज नहीं हैं. सीट शेयरिंग पर जल्द ही बात बन जाएगी. सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे. वहीं पीएम पद को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें किसी चीज की कामना नहीं है. वो सबको एकजुट होकर लड़ने की बात करते हैं.