नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को दिया था ये सुझाव, बरसे तो कहा- ये बस प्रचार का एक्सपर्ट, ABC भी नहीं पता
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर जमकर बरसे हैं. मीडिया से बात करते हुए उन्होनें बताया कि प्रशांत किशोर के लिए वो क्या सोचते हैं...
Bihar Politics: बिहार में सियासी उलटफेर के बाद पूरे देश की राजनीति अब गरमायी हुई है. नीतीश कुमार ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करके एक मंच पर लाने का प्रयास शुरू कर दिया है. नीतीश कुमार तीन दिनों की दिल्ली यात्रा पर रहे जहां विपक्ष के कई नेताओं से उनकी मुलाकात हुई. वहीं मीडिया को बयान देते हुए नीतीश कुमार ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर जमकर हमला बोला है.
जनसुराज यात्रा पर प्रशांत किशोर
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू ने खुद को एनडीए से अलग किया तो सूबे में महागठबंधन की सरकार बनी. वहीं चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने लगातार नयी सरकार पर निशाना साधा. पीके ने बिहार की हालत को लेकर मुख्यमंत्री पर कइ बार हमले किये.महागठबंधन की मजबूती को लेकर भी सवाल उठाये. वहीं बिहार का मिजाज भांपने के लिए पीके जनसुराज यात्रा पर भी निकले हैं. ऐसे कयास लगाये जाने लगे हैं कि प्रशांत किशोर बिहार में नयी राजनीतिक दल बनाकर कुछ अलग तरीके से एंट्री करेंगे.
नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर पर हमला बोला
बुधवार को दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर पर हमला बोला. मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने प्रशांत किशोर के लिए कहा कि- वो आदमी मेरे साथ भी आया, मैंने बाद में सुझाव दिया कि ये सब काम छोड़ दीजिए पर नहीं माने. वो देशभर में अलग-अलग पार्टी का प्रचार करते रहे. उनका ये एक धंधा है.
उन्हें क्या ABC भी मालूम?- नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर बिहार में जो करना चाहते हैं वो करें. उनके स्टेटमेंट का कोई महत्व ही नहीं है. एक बात जान लें. उन्हें क्या ABC भी मालूम है कि 2005 से क्या काम हुआ है. ? स्टेटमेंट देकर पब्लिसिटी देने का काम है. वो इसी सब के एक्सपर्ट हैं. कुछ भी अंड-बंड बोलते रहते हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि अगर ऐसा कोई कहता है तो शायद अंदर से भाजपा को मदद करने का मन होगा.
बोले पीके…
उधर प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका उद्देश्य बिहार में एक नयी राजनीतिक व्यवस्था बनाना है. सत्ता परिवर्तन उनका उद्देश्य नहीं है. पदयात्रा के बाद सब लोगों की सहमति से कोई दल बनता भी है तो प्रशांत किशोर उसके नेता नहीं होंगे.
Posted By: Thakur Shaktilochan