पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की जमकर क्लास ली. विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए सीएम नीतीश ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये कैबिनेट की बात भी मीडिया को बता देते हैं. सीएम नीतीश ने कहा कि कैबिनेट में भेजे जाने की बात सार्वजनिक नहीं किया जाता है. कैबिनेट में जो कुछ होता है, उसके बारे में बाहर बात नहीं की जाती है. कैबिनेट में जब पास हो जाता है, तब एलान होता है. संविधान में इसका प्रावधान है, लेकिन हम अखबार में देखें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के हवाले से खबर छपी थी. कैबिनेट से पहले अखबार में छपने लगा कि प्रस्ताव भेज दिया गया है, यह गलत है. दरअसल, कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा था कि सातवें चरण की बहाली को लेकर नियमावली पर हमने दस्तखत कर दिए हैं. अब उसे कैबिनेट में भेजा जा रहा है. शिक्षा मंत्री के इस एलान के बाद अगली कैबिनेट में शिक्षक नियोजन नियमावली पर मुहर नहीं लगी.
विधानसभा में नीतीश कुमार ने कहा कि एक दिन अखबार में देख रहे हैं कि शिक्षा मंत्री ने प्रस्ताव भेजा है. हमको पता ही नहीं था. कैबिनेट में अभी तक आया ही नहीं था, लेकिन अखबार में छप गया कि शिक्षा मंत्री ने कह दिया कि भेजे हैं. शिक्षा मंत्री ने अखबार में छपवा दिया कि शिक्षक नियुक्ति की नियमावली बनाने का प्रस्ताव हमने भेज दिया. मैं पता लगाते रह गया लेकिन कैबिनेट में कोई प्रस्ताव आया ही नहीं था. अखबार में ये भी छपा कि शिक्षा मंत्री चाहते थे कि शिक्षक नियुक्ति का प्रस्ताव कैबिनेट से पास हो, लेकिन सरकार ने पास नहीं किया, जबकि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास आया ही नहीं है. नीतीश कुमार ने ने सदन में ही शिक्षा मंत्री को संविधान का ज्ञान देते हुए कहा कि एक चीज बता रहे हैं खराब मत मानियेगा. आपका आ गया था कि कोई चीज भेजे हैं. कैबिनेट में कोई चीज भेजा जाता है डिपार्टमेंट की ओऱ से तो उसके बारे में बाहर नहीं कहा जाता है. संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर यही प्रोविजन है. कैबिनेट में जब कुछ हो जाता है तो उसकी घोषणा होती है.
बिहार के शिक्षा मंत्री ने फरवरी महीने में दो दफे शिक्षक नियुक्ति की नियमावली की घोषणा ट्वीटर पर कर दी. पिछले 3 फरवरी को उन्होंने ट्वीट किया कि जल्द सातवां चरण की नियुक्ति होने जा रही है. वर्ष 2023 नियुक्ति का वर्ष होने वाला है. कोई अभ्यर्थी घबराएं नहीं, महीना भर के अंदर में नियोजन नियमावली आपके बीच आ जाएगा. सारी मेधा सूची योग्यता और शिक्षक पात्रता परीक्षा के आधार पर बनेगी और जिला प्रशासन के नेतृत्व में बहाली होगी. पहले 9000 इकाई थी, अब ये 38 इकाई में नियुक्ति पत्र का बंटवारा होगा. किसी गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी.