पांच साल बाद जनता दरबार में पहुंचे नीतीश कुमार, बोले- जनसंख्या नियंत्रण को बिहार में कानून की जरूरत नहीं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जनसंख्या नियंत्रण के लिए अलग से कानून बनाने की जरूरत नहीं है. बिना किसी राज्य का नाम लिये उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य अगर इस तरह के कानून बनाते हैं, तो यह उनकी मर्जी है. जनसंख्या नियंत्रण कोई कानून बनाकर नहीं किया जा सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 13, 2021 6:39 AM
an image

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जनसंख्या नियंत्रण के लिए अलग से कानून बनाने की जरूरत नहीं है. बिना किसी राज्य का नाम लिये उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य अगर इस तरह के कानून बनाते हैं, तो यह उनकी मर्जी है. जनसंख्या नियंत्रण कोई कानून बनाकर नहीं किया जा सकता है. बिहार में महिलाएं जब पूरी तरह से पढ़-लिख जायेंगी, तो इनमें इस मुद्दे को लेकर इतनी जागृति आ जायेगी कि प्रजनन दर खुद घट जायेगी.

2006 के आसपास बिहार में चार फीसदी से ज्यादा प्रजनन दर थी, लेकिन आज यह घटकर तीन के पास पहुंच गयी है. यही स्थिति बनी रही, तो 2040 तक प्रजनन दर काफी कम हो जायेगी. मुख्यमंत्री सोमवार को जनता दरबार कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जहां तक कॉमन सिविल कोड लागू करने की बात की है, तो इसके साथ शराबबंदी जैसे प्रावधान भी समाज में हैं, जिसे लागू करना चाहिए. कॉमन सिविल कोड के साथ पूरे देश में शराबबंदी भी लागू होनी चाहिए.

मुख्यमंत्री ने जनसंख्या पर चुटकी लेते हुए कहा कि कभी-कभी पढ़े-लिखे लोग भी काफी बच्चे पैदा करते हैं. इसलिए हर परिवार में कम बच्चा ही पैदा हो, यह तय नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आज चीन में क्या स्थिति है. पहले एक बच्चे की नीति से दो बच्चों की नीति पर आया, अब दो के बाद क्या हो रहा है? इसलिए यह कानून से संभव नहीं. महिलाएं जब पूरी तरह से पढ़-लिख जायेंगी, तो प्रजनन दर घटेगी.

रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि लड़की मैट्रिक पास होती है, तो प्रजनन दर दो होती है. यह देखा गया कि इंटर पास लड़की है, तो देश में प्रजनन दर 1.7 फीसदी और बिहार में 1.6 फीसदी पायी गयी. बस इसी सूत्र पर काम करके ही प्रजनन दर को कम किया जा सकता है.

सीएम ने कहा कि आपदा प्रभावित इलाके में हर व्यक्ति को हर सुविधा मुहैया करायी जा रही है. इसके लिए हेलीकॉप्टर भेजकर सभी संबंधित इलाकों का सर्वे कराया जा रहा है, ताकि कोई प्रभावित लोग छूट नहीं.

मई में ही शुरू करना था जनता दरबार, कोरोना के कारण टला समय

मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल में ही जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की तैयारी कर ली गयी थी. मई में ही इसे शुरू होना था, लेकिन कोरोना के कारण इसे टालना पड़ा. कोरोना संक्रमण की स्थिति जैसे कम हुई, वैसे ही इसका आयोजन किया गया. कोरोना का दौर समाप्त होने के बाद इसे फिर से पहले की तरह शुरू कर दिया जायेगा. जब तक कोरोना का संक्रमण जारी रहेगा, तब तक यह व्यवस्था रहेगी.

उन्होंने कहा कि जनता का दरबार कार्यक्रम बंद होने के बाद कई स्थानों पर दौरा किया, तो लोगों ने बताया कि इसे जारी रखते ठीक था. लोगों को काफी सुविधा होती. इसके बाद यह सोचा कि अगली बार सत्ता में आये, तो इसे फिर से शुरू करेंगे. सीएम ने कहा कि लोग कई तरह की समस्याओं को लेकर आ रहे हैं. कई नयी चीजें भी देखने और सुनने को मिल रही हैं. कई लोगों के सुझाव भी आ रहे हैं.

वर्तमान में जारी लोक शिकायत निवारण कानून जारी रहेगा. यह कहीं से प्रभावित नहीं होगा. लोगों की शिकायतों का समाधान इस कानून के जरिये भी होता रहेगा. लेकिन, इसके जरिये कई समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा था. सभी लोग इस तक नहीं पहुंच पाते थे. ऐसे लोग जनता के दरबार कार्यक्रम में आ सकते हैं.

कोरोना को लेकर पूरी तरह से केंद्र और राज्य अलर्ट

नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह से अलर्ट है. ऑक्सीजन से लेकर अन्य सभी जरूरी चीजों का बंदोबस्त कर लिया गया है. स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन स्तर पर मजबूती से काम हो रहा है. सभी मानसिक रूप से तैयार हैं. सभी अधिकारी भी पूरी तरह से अलर्ट हैं. यह बीमारी प्राकृतिक नहीं, आर्टिफिशियल है. तभी इस तरह से यह बीमारी अपना रूप दिखा रही है. अब तीसरे चरण का खतरा बढ़ रहा है. इसे देखते हुए अलर्ट कर दिया गया है.

कल्याण बिगहा के पास का व्यक्ति पहुंचा शिकायत लेकर

जनता दरबार में मुख्यमंत्री के गांव नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड के कल्याण बिगहा के पास के गांव बीरजु बिगहा का एक व्यक्ति जमीन कब्जा की शिकायत लेकर पहुंचा. उसने बताया कि हरनौत के सीओ ने मेरी जमीन की जमाबंदी दो अन्य लोगों के नाम पर अवैध रूप से कर दी है. इसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इस पर सीएम ने तुरंत ही उचित कार्रवाई करने का आदेश राजस्व ए‌वं भूमि सुधार विभाग को दिया.

Posted by Ashish Jha

Exit mobile version