अरवल. पिछले दिनों रामचरितमानस को लेकर तुलसीदास पर शिक्षामंत्री चंद्रशेखर की ओर से दिये गये विवादित बयान पर बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस पूरे विवाद पर अब तक खामोश रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाधान यात्रा के दौरान अपना पक्ष रखा है. समाधान यात्रा के तहत मंगलवार को अरवल में पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि धर्म के मामले में कोई हस्तक्षेप ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने धर्म ग्रंथ को लेकर जो बयान दिया है वह ठीक नहीं है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी उनसे इस तरह की बात नहीं करने की सलाह दी है. सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए और धर्म के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि जिसका जो मन करे उसे करना चाहिए, लेकिन किसी धर्म पर टीका-टिप्पणी ठीक नहीं है. इन सब बातों पर कुछ कहना ठीक नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि यही बात तेजस्वी यादव ने भी कही है. सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए. धर्म पर न तो विवाद करना चाहिए और ना ही उसपर कुछ बोलना चाहिए. हमारा शुरू से मानना रहा है कि कोई किसी भी धर्म को मानने वाला हो, उसमें किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए. नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने उन्हें पहले ही बयान वापस लेने के लिए कहा है. गठबंधन को लेकर पूछे गये एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी के निजी बयान से गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़नेवाला है.
नीतीश कुमार ने कहा कि जिसको जो मन करे वह करे. जिस भगवान की पूजा करनी है करे, लेकिन इन सब चीजों पर कुछ बोलना नहीं चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जिस ढंग से भी लोग धर्म का पालन करते हैं, पालन करें. सभी धर्मों की इज्जत होनी चाहिए और इसमें किसी तरह से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. यही हमारा संविधान कहता है. नीतीश कुमार की ओर आये इस बयान के बाद जदयू की ओर से शिक्षामंत्री पर हमले और तेज होने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री के बयान के बाद स्पष्ट हो गया है कि इस मुद्दे पर जदयू किसी के सामने झुकने वाली नहीं है.