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नीतीश कुमार ने संभाला मोर्चा तो चुप हुए नीतिश मिश्रा, सदन में पन्ना पलटते रह गये खेल विभाग के प्रभारी मंत्री

बिहार विधानसभा में सोमवार को भाजपा विधायक नीतिश मिश्रा के सवालों पर प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र यादव घिर गये. मंत्री रटा-रटाया जवाब देते रहे और विधायक उनसे पूरक दर पूरक पूछते रहे. अंत में पूरक सवाल से मंत्री बिजेन्द्र यादव झुंझला गये.

पटना. बिहार विधानसभा में सोमवार को भाजपा विधायक नीतिश मिश्रा के सवालों पर प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र यादव घिर गये. मंत्री रटा-रटाया जवाब देते रहे और विधायक उनसे पूरक दर पूरक पूछते रहे. अंत में पूरक सवाल से मंत्री बिजेन्द्र यादव झुंझला गये. सरकार के मंत्री को सदन में घिरता देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद मोर्चा संभाला. नीतीश कुमार ने सदन में खड़े होकर कहा कि आपलोग साथ रहे हैं. हम आपकी बात पर गौर करेंगे. हालांकि भाजपा विधायक के पूरक सवाल का स्पष्ट जवाब न तो मंत्री दे सके और न ही मुख्यमंत्री. नीतीश कुमार के बोलने के बाद नीतिश मिश्रा अपनी सीट पर बैठ गये.

खेल विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान फंसे मंत्री

बिहार विधानसभा में आज खेल विभाग के बजट पर चर्चा हो रहा था. इसी दौरान विपक्षी दलों के तरफ से सवाल किया गया कि बिहार में खिलाड़ियों को भी सरकारी नौकरी में छूट दी जाये. इसके साथ ही उन्हें सरकारी नौकरी भी प्रदान की जाये. प्रभारी मंत्री के जवाब से सवालकर्ता नीतिश मिश्रा संतुष्ट नहीं हुए. मंत्री को बार-बार पूरक पूछते रहे. अंत में खुद सीएम नीतीश जवाब देने के लिए खड़े हो गये. उन्होंने कहा कि, आपलोग जो कह रहे हैं उसपर ध्यान दिया जाएगा. लेकिन, आपको यह याद रहना चाहिए कि मैं खुद अटल सरकार में मंत्री रहते हुए इसकी शुरुआत की थी. महिला खिलाड़ियों को नौकरी और छूट देना कब शुरू हुआ, ज़रा आप लोग देख लीजिए.

पन्ना पलटते हुए नजर आये प्रभारी मंत्री

नीतीश कुमार ने कहा कि सवाल करने से पहले जरा जाकर देख लें कि अब बिहार में भी खेल कोटे से नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. बिहार में भी उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जाती है. भाजपा के वरिष्ठ विधायकों नंद किशोर यादव की तरफ इशारा करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ये लोग सब जान रहे हैं. हालांकि, सीएम नीतीश कुमार जिस समय जवाब देने के लिए उठे उस समय भी प्रभारी मंत्री अपना जवाब दे रहे थे. लेकिन, सीएम ने उनसे सवाल दिखाने की मांग की, तो प्रभारी मंत्री पन्ना पलटते हुए नजर आये. जिसपर, भाजपा के एक अन्य विधायक नंदकिशोर यादव ने सीएम को टोका कि यह सवाल दूसरा हैं. फिर सीएम ने कहा कि 2114 नंबर सवाल हैं, इस पर भी गौर करेंगे.

नीतिश मिश्रा का क्या था सवाल

नीतिश मिश्रा का मूल सवाल यह था कि क्या राज्य सरकार ने खेल कोटे से होने वाली नियुक्ति के लिए सभी जिला पदाधिकारियों से रिक्ति की मांग की है? क्या सात वर्षों से खेल कोटे से नियुक्ति नहीं हुई है? दूसरा सवाल था कि क्या यह बात सही है कि जिलों में रिक्ति की संख्या के अभाव में निम्न वर्गीय लिपिक एवं परिचारी पद रिक्त रह जाते हैं? तीसरा यदि उत्तर स्वीकारात्मक है तो सरकार खेल कोटे से होने वाली नियुक्ति कब तक कराने पर विचार रखती हैं. तीसरे सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि 2015 में उत्कृष्ट खिलाड़ियों की नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. जिस आलोक में 78 खिलाड़ियों की नियुक्ति की अनुशंसा की गई तथा कोर्ट के आदेश के आलोक में बॉक्सिंग खेल विधा के 5 खिलाड़ियों की औपबंधिक मेधा सूची प्रकाशित कर दावा आपत्ति 10 मार्च 2023 तक आमंत्रित की गई है.

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