पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गुस्सा बहुत आता है. आज उनके गुस्से का कहर विधान परिषद के सभापति के ऊपर टूटा. सोमवार को बिहार विधान परिषद में मुख्यमंत्री जैसे आये, उनकी नजर सदन के अंदर लगे डिस्प्ले बोर्ड पर गयी और वहां अंग्रेजी लिखा देख वो हत्थे से उखड़ गये. उन्होंने सभापति देवेश चंद्र ठाकुर से पूछा कि एकदम हिन्दी को खत्म कर दीजियेगा क्या? मुख्यमंत्री के तेवर देख सभापति भी असहज हो गये और बार बार सुधार करवा देने का आश्वासन देते दिखे. मुख्यमंत्री गर्म थे और आसन पर बैठे सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को जवाब नहीं सूझ रहा था. वे बार बार कह रहे थे कि ठीक कर लिया जायेगा. हिन्दी में अपलोड हो जायेगा. सभापति ने कम से कम पांच बार कहा कि ये ठीक हो जायेगा.
बजट सत्र के दौरान बिहार विधान परिषद में एक डिस्प्ले बोर्ड लगा है. उसमें सदन में हो रही कार्यवाही की जानकारी दी जाती है. किस सदस्य को बोलना है, किसे कितना देर बोलना है. ये सारी जानकारी डिस्प्ले बोर्ड पर चलती रहती है. नीतीश कुमार सोमवार की दोपहर विधान परिषद के अंदर घुसे तो उनकी नजर डिस्प्ले बोर्ड पर पड़ी. वहां अंग्रेजी में जानकारी दी जा रही थी. इसके बाद नीतीश कुमार उखड़ गये. उन्होंने सभापति से कहा कि डिस्प्ले बोर्ड पर क्या लिखे हुए हैं. ऑनरेबुल लिख दिये हैं. क्या मतलब है साहब. स्पीकिंग टाइम लिखा हुआ है. इ सब का क्या अर्थ है. बिहार में इस तरह से क्यों लिखते हैं. काहे के लिए चलवाये हैं इ सब, फालतू चीज है. इसको ठीक कराइये. सब हिन्दी में रहना चाहिये. देखिये न, फिर अंग्रेजी में ही लिखे हुए हैं. एकदम हिन्दी को खत्मे कर दीजियेगा क्या. बताइये, इ सब ठीक कराइये.
इससे पहले भी अंग्रेजी पर नीतीश गर्म हो गये थे. कृषि रोड मैप को लेकर राज्य सरकार ने पटना में किसानों का सम्मेलन बुलाया था. उसमें एक किसान ने अंग्रेजी में बोलना शुरू किया तो नीतीश कुमार मंच से ही उस पर गर्म हो गये. उन्होंने कहा कि बिहार में अंग्रेजी में भाषण नहीं चलेगा. एम.बी.ए पास कर खेती करने किसान को अंग्रेजी में भाषण रोक कर हिन्दी में बोलना पड़ा था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इससे पहले भी किसानों के सम्मेलन में एक किसान के अंग्रेजी बोलने पर भी क्लास लगा दी थी.अंग्रेजी को लेकर नीतीश कुमार अचानक गर्म होने लगे हैं. उनके करीबी भी इसकी वजह नहीं बता पा रहे हैं.