आधा दर्जन राज्यों का दौरा कर चुके नीतीश कुमार बनेंगे विपक्ष की धुरी, पटना में जुटेंगे 18 दलों के नेता
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने पटना आयेंगे. सभी विपक्षी दलों को इसके लिए निमंत्रण भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. जदयू इसमें मुख्य भूमिका निभा रहा है.
आगामी 12 जून को पटना में विपक्षी दलों की होने वाली बड़ी बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गैर भाजपायी दलों की धुरी बनेंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ अधिकतर विपक्षी दलों को एकजुट करने की उनकी मुहिम रंग लाने लगी है. 12 जून, सोमवार को पटना के ज्ञान भवन में विपक्षी दलों की मैराथन बैठक होगी. इसमें देश भर के 18 दलों के नेता शामिल होंगे. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की ओर से इस बैठक में आने की आधिकारिक पुष्टि कर दी गयी है. माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने पटना आयेंगे. सभी विपक्षी दलों को इसके लिए निमंत्रण भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. जदयू इसमें मुख्य भूमिका निभा रहा है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, लखनऊ जाकर विपक्षी नेताओं को एक मंच पर आने का आह्वान कर चुके हैं.
माना जा रहा है कि बैठक में अगले साल होने वाले लोकसभा के चुनाव में भाजपा के खिलाफ वन टू वन सीधा उम्मीदवार उतारने और अगर सरकार बदली तो साझा एजेंडा क्या हो, इस पर भी चर्चा होगी. बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद भी शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, समाजवादी पार्टी, भाकपा माले, सीपीआइ, सीपीएम समेत करीब 18 दल इस बैठक में शामिल होंगे.
आधा दर्जन राज्यों का दौरा कर चुके हैं सीएम
विपक्षी दलों की गोलबंदी के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तक छह से अधिक राज्यों का दौरा कर चुके हैं और दर्जन भर नेताओं से मुलाकात की है. मुख्यमंत्री ने उनसे भाजपा के खिलाफ एकजुट होने का अनुरोध किया है. इसी कड़ी में उन्होंने 24 अप्रैल को कोलकाता जाकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और उनसे विपक्षी दलों की गोलबंदी में शामिल होने का अनुरोध किया. इसके बाद वे लखनऊ गये और पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मिले. उन्होंने समाजवादी पार्टी को इस मुहिम में साथ आने को कहा.
मुख्यमंत्री नौ मई को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर गये और वहां के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की. हालांकि, भुवनेश्वर की यात्रा को दोनों नेताओं ने गैर राजनीतिक बताया. इसके बाद नीतीश कुमार 10 मई्र को रांची गये और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिले. 11 मई को मुख्यमंत्री मुंबई पहुंचे, जहां उन्होंने एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना के उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री की इस मुहिम को पूरा समर्थन देने की घोषणा की.
बेंगलुरु में सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर विपक्षी एकता पर बातचीत की. इसके पहले पिछले साल 2022 में भाजपा से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री ने दिल्ली जाकर कांग्रेस, सीपीआइ, सीपीएम, भाकपा माले और आम आदी पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर विपक्षी दलों को एकसूत्र में बांधने की पहल शुरू की थी.
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कब कहां गये मुख्यमंत्री
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कोलकाता और लखनऊ – 24 अप्रैल
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भुवनेश्वर-नौ मई
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रांची -10मई
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मुंबई – 11 मई
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दिल्ली के सीएम केजरीवाल से मुलाकात -21 मई
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कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुुल गांधी से मुुलाकात-22 मई