नीतीश कुमार की बड़ी घोषणा, इस साल से मेडिकल व इंजीनियरिंग में छात्राओं के लिए एक तिहाई सीट होगी रिजर्व

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नये सत्र 2023 से राज्य के मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की एक तिहाई सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित रहेंगी. इसकी सभी तैयारी पूरी कर ली गयी हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग जब पढ़ते थे, तब कोई लड़की नहीं पढ़ती थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2023 6:58 AM

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नये सत्र 2023 से राज्य के मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की एक तिहाई सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित रहेंगी. इसकी सभी तैयारी पूरी कर ली गयी हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग जब पढ़ते थे, तब कोई लड़की नहीं पढ़ती थी. हमने इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई में लड़कियों के लिए कम से कम एक तिहाई सीट आरक्षित कर दी है. वे रविवार को बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग(बीसीइ)- एनआइटी पूर्ववर्ती छात्र समिति के वार्षिक मिलन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने ही वर्ष 2013 में बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया. बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस में हैं, उतनी दूसरे राज्यों में भी नहीं हैं. इसके अलावा बिहार की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. हम चाहते हैं कि एनआइटी पटना का अधिक से अधिक विस्तार हो, इसलिए हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज बनवा रहे है.

एनआइटी के विस्तार के लिए मिलेगी 25 एकड़ अतिरिक्त भूमि

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआइटी पटना के विस्तार के लिए बिहटा में 125 एकड़ जमीन दी गयी है. निर्माणाधीन बिहटा कैंपस के सटे खाली 25 एकड़ का भूखंड और दिया जायेगा. इसका निर्माण कार्य जल्द पूरा हो. पहले यहां कम छात्रों के पढ़ने की सुविधा थी, जो अब बढ़ कर 4500 हो गयी है. हम चाहेंगे कि संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या नौ हजार से अधिक हो जाए. उन्होंने कहा कि एनआइटी पटना देश में बेहतर एनआइटी बने, यहहमारी इच्छाहै. इसमें संस्थान को राज्य सरकार से कोई मदद की दरकार हो, तो वह भी पूरा होगा.

पटना विवि को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की मांग नहीं हुई पूरी

सीएम ने कहा कि पटना विवि को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की मांग हम करते रहे हैं, लेकिन नहीं हुआ. 2004 में मेरे आग्रह पर तत्कालीन अटल बिहारी सरकार ने बिहार कॉलेज आफ इंजीनियरिंग को एनआइटी का दर्जा दिया. हमने ही बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का नामकरण बीसीइ-एनआइटी करवाया था. कॉलेज के बीच वाले भवन को यथावत रखते हुए इसे बनाया गया. यहां आइआइटी की स्थापना के लिए 500 एकड़ जमीन की मांग की गयी, जिसे उपलब्ध कराया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री कॉलेज के दिनों के मित्रों से भी मिले.

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