PHOTOS: दिल्ली के जंतर-मंतर पर जीतन राम मांझी का धरना, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद और गिरिराज सिंह भी हुए शामिल
विभिन्न दलित संगठनों द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक दिवसीय दलित व महिला स्वाभिमान सभा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन मौजूद रहेंगे. इस कार्यक्रम में भाजपा नेता नित्यानंद राय व गिरिराज सिंह भी पहुंचे.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने राज्य सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर में आयोजित एक दिवसीय दलित व महिला स्वाभिमान सभा में शामिल होने पहुंचे. इस धरने में पार्टी के संस्थापक जीतन राम मांझी के साथ उनके बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री डॉ. संतोष सुमन भी मौजूद रहे. मांझी को समर्थन देने के लिए बीजेपी के केंद्रीय मंत्री भी यहां पहुंचे.
इस दौरान जीतनराम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री का दलित प्रेम का मुखौटा अब सामने आ गया है. मुझे सदन में बोलने तक नहीं दिया गया. पटना में धरना भी नहीं देने दिया गया. उन्होंने कहा कि उनके अपमान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना, राजस्थान व मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रमुखता से उठाया. इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री डॉ संतोष सुमन ने कहा कि सदन में पूर्व सीएम जीतनराम मांझी को बोलने से रोका गया. उनको अपमानित किया गया. इस दौरान मांझी के समर्थन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी पहुंचे.
जीतन राम मांझी ने धरना कार्यक्रम से पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि अभी नीतीश कुमार जी अपने सांसद से कहलवा रहें हैं कि मोदी है तो मुमकिन है, मोदी है तो गारंटी है. कुछ दिन के बाद खुद नीतीश कुमार कहेंगें कि मोदी है तो ही नीतीश हैं, मोदी हैं तो सब कुछ मुमकिन है.
दरअसल, बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान जब नौकरी व शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण सीमा बढ़ाए जाने के विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री और हम के संरक्षक जीतन राम मांझी पर नाराज हो गये थे. उस वक्त मांझी आरक्षण विधेयक पर हो रही चर्चा के दौरान पक्ष रख रहे थे. जिस पर मुख्यमंत्री ने सीधे मांझी को संबोधित करते हुए कहा था कि तुमको कोई सेंस नहीं है. मेरी गलती रही कि हम मुख्यमंत्री बना दिए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि 2013 में जब आप लोगों (भाजपा) को छोड़ दिये थे, तब अकेले थे. उसके बाद ही इसको मुख्यमंत्री बना दिये. दो महीना बाद ही हमारी पार्टी के लोग कहने लगे कि इसको हटाइए. क्या मुख्यमंत्री था? मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना. फिर मीडिया वालों से बोले, आप लोग बेकार में ही इसको प्रकाशित करते रहते हो.
वहीं विधानसभा में सीएम नीतीश की बातों से आहत जीतन राम मांझी ने कहा था कि नीतीश कुमार ने मुझे अपनी लाज बचाने और मुझे सीधा-साधा समझकर मुझे मुख्यमंत्री बनाया था. सोचा था सीधा साधा है जो कहेंगे करता रहेगा. लेकिन, जब हम मुख्यमंत्री के रूप में जनहित में काम करने लगे तो उनके मित्रों ने उन्हें यह कहा कि मांझी जिस तरह से काम कर रहा है कुछ दिन और काम किया, तो आपको कोई पूछने वाला नहीं रहेगा. उसके बाद नीतीश कुमार ने मुझे हटाने के लिए क्या-क्या साजिश नहीं रची. मैंने कहा कि आप एक बार बोल देते, तो मैं इस्तीफा दे देता.
जंतर-मंतर पर इस धरना कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी पहुंचे. जिसकी तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि ‘बिहार विधानसभा में दलितों एवं महिलाओं के अपमान को लेकर जंतर-मंतर पर एक दिवसीय प्रदर्शन में भाग लिया’.
Also Read: लोकसभा चुनाव 2024: कांग्रेस विधायक की मांग Rahul नहीं Nitish की अगुवाई में लड़ना चाहिए ये चुनाव