बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनने का रास्ता साफ हो गया है. सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए अलग कैडर बनाया है. इसका नाम विशेष शिक्षक संवर्ग होगा. राज्य कर्मचारी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को निर्धारित बोर्ड की दक्षता परीक्षा पास करनी होगी. परीक्षा पास करने के बाद उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा. योग्यता परीक्षा पास करने के लिए तीन मौके मिलेंगे. तीनों परीक्षाओं में उत्तीर्ण नहीं होने वाले या शामिल नहीं होने वाले शिक्षकों के संबंध में सरकार बाद में निर्णय लेगी.
योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने और फिर आवंटित विद्यालय में योगदान देने के बाद वे विशेष शिक्षक कहलाएंगे. इस नियमावली का लाभ राज्य के करीब 3.25 लाख नियोजित शिक्षकों को मिलेगा. परीक्षा योग्यता परीक्षा नियमों के लागू होने की तारीख से एक वर्ष की अवधि के भीतर आयोजित की जाएगी. राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलने पर नियोजित शिक्षकों को करीब 5000 रुपये वेतन का लाभ मिलेगा. साथ ही पदोन्नति और स्थानांतरण का भी लाभ मिलेगा. मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दे दी गयी.
परीक्षा में शामिल होने के समय स्थानीय निकाय शिक्षकों को उन जिलों के तीन विकल्प देने होंगे जहां वह विशिष्ट शिक्षक के रूप में सेवा देना चाहते हैं. सक्षमता परीक्षा में उनकी मेधा क्रमांक के आधार पर जिलों का आवंटन किया जायेगा. नयी नियमावली के तहत अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के अलावा अन्य कोई सीधी नियुक्ति नहीं होगी. विशिष्ट शिक्षकों का अनुकंपा के आधार पर भी कोई नियुक्ति विभाग द्वारा आयोजित दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण होने पर निर्भर करेगा.
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