बिहार के नियोजित शिक्षकों को योगदान की तिथि से ईपीएफ मिलने का रास्ता साफ, EPFO ने सभी DEO को लिखा पत्र
ईपीएफओ ने बिहार के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी किया है. पत्र में सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ 1 सितंबर 2020 के बजाय उनके वास्तविक योगदान की तिथि से देने के लिए शिक्षा विभाग के पदाधिकारी को आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
बिहार के प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों में काम कर रहे नियोजित शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है. राज्य के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है. शिक्षकों को यह लाभ योगदान की तिथि से मिलेगा. इस संबंध में ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने बिहार के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) के नाम पत्र जारी किया है.
समुचित कार्रवाई करने के लिए 10 दिनों का समय
ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा जारी पत्र में सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ 1 सितंबर 2020 की जगह उनके वास्तविक योगदान की तिथि से देने के लिए आगे की कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. इस संबंध में शिक्षा विभाग के प्रमुख पदाधिकारी को एक्शन लेने का निर्देश दिया गया है. यह समुचित कार्रवाई करने के लिए 10 दिनों की समय सीमा दी गयी है. जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि तय समय सीमा में शिक्षा विभाग कार्रवाई नहीं करता है, तो इपीएफओ की तरफ से इपीएफ एवं एमपी एक्ट 1952 के तहत शिक्षा विभाग पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. ईपीएफो द्वारा जारी इस आदेश के बाद अब राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ उनके योगदान की तिथि से ही मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
सितंबर 2020 से दिया जा रहा शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ
बता दें कि वर्ष 2020 में नियोजित शिक्षकों ने सामान काम के लिए सामान वेतन की मांग को लेकर लंबे समय तक आंदोलन किया था. जिसके बाद मामला कोर्ट तक गया था. इस मामले में पटना हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एक आदेश के बाद सरकार ने नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने का निर्णय लिया था. लेकिन शिक्षकों को यह लाभ वास्तविक योगदान की तिथि की जगह सितंबर 2020 से दिया गया था. वहीं अब ईपीएफो के इस आदेश के बाद नियोजित शिक्षकों को योगदान की तिथि से ईपीएफ मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
इन जिलों के अधिकारियों को दिया गया निर्देश
नियोजित शिक्षकों को योगदान की तिथि से भविष्य निधि का लाभ देने के लिए ईपीएफो के भागलपुर क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा मुंगेर, जमुई, बांका, भागलपुर, लखीसराय, शेखपुरा, खगड़िया, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी कर निर्देश दिया है.
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नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की नियमावली तैयार
इधर, शिक्षा विभाग ने प्रदेश के चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए नियमावली तैयार कर ली है. अब इसके लिए कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है, जिसके आधार पर नियमावली को कैबिनेट से मंजूर कराया जायेगा. नियमावली स्वीकृत होने के बाद नियोजित शिक्षकों को एक विशेष प्रक्रिया के तहत राज्यकर्मी का दर्जा दिया जायेगा. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक हाल ही में बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 तैयार की गयी है. इस नियमावली के अनुसार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इन शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा लेगी. सक्षमता परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक कहे जाने की बात नियमावली में है.
जानकारों का कहना है कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा बेहद औपचारिक होगी. इसे नहीं लेने के लिए रणनीति बनायी जा रही है. फिलहाल कैबिनेट में प्रस्ताव जाने के बाद ही साफ हो सकेगा कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा किस आधार पर दिया जाये. दरअसल यह भी प्रावधान किया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग से सफल हुए नियोजित शिक्षक और अपने पुराने स्कूल में ही रहना चाहते हैं, तो उन्हें सक्षमता परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी.
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