सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के करीब साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की घोषणा की थी. इसके बाद इसे कैबिनेट से पास कर विशिष्ट शिक्षक नियमावली बनायी गयी है. जिसके तहत राज्य कर्मचारी का दर्जा पाने के लिए नियोजित शिक्षकों को एक सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी. लेकिन शिक्षक संघ ने इस सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार शुरू कर दिया है. माध्यमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि नियोजित शिक्षक कठिन शर्तों पर सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन पत्र नहीं भरेंगे. शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा है. उन्होंने बताया कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने अन्य सभी संघ, संगठन व शिक्षक समुदाय से अपील की है कि वे एकताबद्ध संघर्ष के लिए तैयार रहें.
नियोजित शिक्षक नहीं भरेंगे सक्षमता परीक्षा का आवेदन फॉर्म
माध्यमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि कठिन शर्तों पर सक्षमता परीक्षा का आवेदन फॉर्म नियोजित शिक्षक नहीं भरेंगे. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि सरकार जब विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के खंड 4 में बदलाव करेगी, तभी शिक्षक आवेदन फॉर्म भरेंगे.
नियमों में बदलाव के बाद ही भरेंगे फॉर्म
शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि उपबंधित सक्षमता परीक्षा के लिए तीन जिले का विकल्प व अन्य विद्यालयों में पदस्थापन अथवा तबादला एवं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन परीक्षा संबंधी कठिन शर्तों को बदलाव करना होगा. नियमों में बदलाव करने के बाद ही नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन पत्र भरेंगे.
माध्यमिक शिक्षक संघ ने सीएम को लिखा पत्र
इस संबंध में माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर कहा कि विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 में परीक्षा में शामिल होने वाले शिक्षकों के लिए कठिन-से-कठिन शर्तें लाद दी गयी हैं. शिक्षकों को तीन जिले का विकल्प देना होगा, अन्यथा उनका तबादला जहां-तहां तबादला कर दिया जायेगा. जिले के विकल्प देने के समय उनके सामने उन जिलों की रिक्तियां नहीं होंगी. वे अंधकार में रहेंगे. अतः इस प्रावधान को हटा दिया जाए. शिक्षकाें के लिए ऐच्छिक स्थानांतरण का ही प्रावधान किया जाये.
कठिन शर्तों को स्वीकार नहीं करेंगे नियोजित शिक्षक : शत्रुघ्न प्रसाद सिंह
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने पत्र में कहा कि जहां तक ऑनलाइन परीक्षा का विभागीय आदेश है, इसका उल्लेख नियमावली में नहीं है. जब दो लाख से अधिक शिक्षकों की बहाली लिखित परीक्षा ऑफलाइन ली गयी तो नियोजित शिक्षकों के लिए ऑनलाइन परीक्षा का कोई औचित्य ही नहीं है. पुराने शिक्षकों को कंप्यूटर का भी कभी प्रशिक्षण नहीं दिया गया है. इसलिए इन कठिन शर्तों को स्वीकार नहीं करेंगे. वे नियोजित ही रहना चाहेंगे. आपकी घोषणा का सम्मान विभाग नहीं कर रहा है, इससे शिक्षकों में भयंकर आक्रोश है.
बैठक आयोजित करने की मांग
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि आपने मामूली परीक्षा के आधार पर राज्य कर्मी बनाने की घोषणा की थी. मामूली परीक्षा लेकर राज्य कर्मी का दर्जा संबंधी आपकी घोषणा के विरुद्ध नियमावली अधिसूचित किया जाना एवं ऑनलाइन परीक्षा लेने के संबंध में विभागीय आदेश अनीतिपूर्ण है. विभाग द्वारा ऑनलाइन परीक्षा का आदेश देना घोषणा का उल्लंघन है. नए शिक्षा मंत्री के साथ आपकी अध्यक्षता में हम लोगों के साथ इन आवश्यक बिंदुओं पर विचार-विमर्श हेतु तुरंत एक बैठक आयोजित करने की मांग है.
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प्राथमिक शिक्षक संघ भी कर रहा नियमावली का विरोध
बीते दिनों प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में नियोजित शिक्षकों का सक्षमता परीक्षा, नियुक्ति के उपरांत तीन जिलों का विकल्प मांग अंतर जिला पदस्थापन करने की नियमावली का विरोध किया किया गया. संघ के नेताओं ने कहा कि शिक्षकों के हित के लिए सड़क से सदन तक की लड़ाई जारी रहेगी. 26 फरवरी को बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में शिक्षक हित के मांगों को लेकर गर्दनीबाग धरना स्थल पर मुंह पर काली पट्टी बांधकर एक दिवसीय उपवास का कार्यक्रम रखा जायेगा.
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