एसटीपी साइट पर दुर्घटनाओं को लेकर एनएमसीजी सख्त, जिम्मेदार पदाधिकारियों पर होगी कार्रवाई
भारत सरकार ने एनएमसीजी (नेशनल क्लीन मिशन फॉर गंगा) के तहत निर्माणाधीन एसटीपी व पंपिंग स्टेशन निर्माण स्थलों पर निर्धारित गाइडलाइन के तहत सुरक्षा मानकों का सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश दिया है.
पटना. नमामि गंगे के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को लेकर अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होगी. भारत सरकार ने एनएमसीजी (नेशनल क्लीन मिशन फॉर गंगा) के तहत निर्माणाधीन एसटीपी व पंपिंग स्टेशन निर्माण स्थलों पर निर्धारित गाइडलाइन के तहत सुरक्षा मानकों का सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश दिया है. इसमें लापरवाही साबित होने पर संवेदक पर भारी जुर्माना लगेगा ही, निगरानी के जिम्मेदारी पदाधिकारियों पर भी विभागीय कार्रवाई होगी.
कार्य से जुड़े अधिकारियों-कर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
नमामि गंगे की तरफ से सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराने को लेकर एसटीपी व पंपिंग स्टेशन निर्माण कार्यों से जुड़े तमाम पदाधिकारी व संवेदक को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उनको इसके लिए निर्धारित अंतरराष्ट्रीय मानक ओएसएचओ (व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रशासन) के विभिन्न बिंदुओं की जानकारी दी जा रही है. हर महीने के दूसरे सप्ताह में होने वाले गुरुवार को ऑनलाइन फीडबैक भी लिया जा रहा है.
” इ-मेल ” आइडी जारी कर आम लोगों से मांगी शिकायत
एनएमसीजी ने इसको लेकर आम लोगों से भी शिकायत मांगी है. विभाग ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति को एसटीपी निर्माण स्थलों पर काम करने वाले श्रमिक, स्टाफ, मॉनीटरिंग करने वाली सरकारी एजेंसियों या निरीक्षकों आदि की लापरवाही दिखती है तो वे तत्काल इ-मेल आइडी (selfreporting.nmcg@gmail.com) पर तस्वीर सहित शिकायत भेज सकते हैं. शिकायतकर्ता को इ-मेल में फोटो के साथ एसटीपी का नाम व लोकेशन भी देना होगा. आवेदक चाहे तो अपना नाम, मोबाइल नंबर भी दे सकते हैं, जिसे गुप्त रखा जायेगा.
दुर्घटनाओं की शिकायत पर उठाया कदम
अधिकारिक जानकारी के मुताबिक एनएमसीजी ने एटीपी कार्यस्थलों पर लगातार मिल रही दुर्घटना की शिकायतों को देखते हुए यह कदम उठाया है. हाल ही में पटना में बेऊर के पास दो मजदूरों की मैनहोल में डूब कर मौत हो गयी थी. इसके साथ ही कई बार निर्माण स्थल खुला छोड़ देने की वजह से गुजरने वाले लोग भी दुर्घटना का शिकार होते हैं.