बिहार के किसी भी कॉलेज को ए प्लस प्लस ग्रेड नहीं, ए ग्रेड प्राप्त करने वाले संस्थान भी बेहद कम
बिहार के किसी भी कॉलेज और यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से ए प्लस प्लस (A++) ग्रेड हासिल नहीं है. अब तक बिहार में ए ग्रेड प्राप्त करने वाले कॉलेज व विश्वविद्यालयों की संख्या भी काफी कम है.
अनुराग प्रधान, पटना. बिहार के किसी भी कॉलेज और यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से ए प्लस प्लस (A++) ग्रेड हासिल नहीं है. अब तक बिहार में ए ग्रेड प्राप्त करने वाले कॉलेज व विश्वविद्यालयों की संख्या भी काफी कम है.
पुरानी पद्धति के अनुसार सात शिक्षण संस्थानों के पास नैक से ए ग्रेड प्राप्त था. इनमें से दो कॉलेज ऑफ कॉमर्स पटना व मारवाड़ी कॉलेज भागलपुर की मान्यता समाप्त हो गयी है. नैक मूल्यांकन के लिए उन्हें पुन: आवेदन करना होगा. इसके साथ ही पूरे बिहार में अब तक 126 में से 68 शैक्षणिक संस्थान को बी ग्रेड, 15 संस्थानों को बी प्लस, एक शिक्षण संस्थान को बी प्लस प्लस, 35 कॉलेजों को सी व सात शैक्षणिक संस्थान को ए ग्रेड प्राप्त है.
2019-20 में 19 में से 12 शैक्षणिक संस्थानों को मिला सी ग्रेड : वहीं, नैक की टीम ने 2019-20 में बिहार के 19 शैक्षणिक संस्थानों का मूल्यांकन किया. इनमें से 12 शैक्षणिक संस्थानों को सी ग्रेड मिला है. दो शैक्षणिक संस्थान, जिनमें पटना यूनिवर्सिटी व मगध महिला कॉलेज को बी प्लस ग्रेड हासिल हुआ है. इसके साथ चार शैक्षणिक संस्थानों को बी ग्रेड हासिल हुआ है.
अनुदान में मिलती है मदद
नैक से मिले ग्रेड के आधार पर ही संस्थान की गुणवत्ता का पता चलता है. क्वालिटी एजुकेशन, सुविधा संसाधन और शिक्षकों की जानकारी होती है. स्टूडेंट्स को एडमिशन से लेकर शैक्षणिक लोन मिलने में मदद मिलती है. रैंकिंग तय होने के बाद संस्था द्वारा जारी रिजल्ट में ग्रेडिंग अंकित होता है. सुविधाओं के विस्तार के लिए यूजीसी अलग से अनुदान की स्वीकृत देती है. नैक से ग्रेड हासिल होने पर यूजीसी राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा मिशन (रूसा) के माध्यम से अनुदान देती है.
यह है ग्रेड प्रणाली
3.51 से 4 ए प्लस प्लस
3.26 से 3.50 ए प्लस
3.01 से 3.25 ए
2.76 से 3 बी प्लस प्लस
2.51 से 2.75 बी प्लस
2.01 से 2.50 बी
1.51 से 2 सी
राज्य के संस्थानों को
अब तक मिले ग्रेड
ग्रेड संस्थानों की संख्या
ए 07
बी 68
बी प्लस 15
बी प्लस प्लस 01
सी 35
टॉप ग्रेडिंग में शोध और शैक्षणिक कार्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
नैक का कहना है कि टॉप ग्रेडिंग पाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों को हर मामले में बेहतर होना चाहिए. यूनिवर्सिटी-कॉलेज का सिलेबस हर तीन साल में रिव्यू होना चाहिए. संस्था में हर साल बेहतर रिजल्ट, डिपार्टमेंट में पर्याप्त शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्ति, स्वयं की बिल्डिंग, रिसर्च आदि में बेहतर प्रदर्शन, एनसीसी, एनएसएस की विशेष गतिविधियां होनी जरूरी हैं.
खेल के मैदान, कैंटीन और हॉस्टल की स्थिति बेहतर होनी चाहिए. कैंपस में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, सांस्कृतिक गतिविधियां भी लगातार होनी चाहिए. यूनिवर्सिटी का इतिहास और एलुमनी की भूमिका महत्वपूर्ण होनी चाहिए. नये रिर्सोस और संस्था के आगे बढ़ने की क्षमता का प्लान होना चाहिए. शिक्षकों का बर्ताव, अभिभावकों की संतुष्टि किसी भी शैक्षणिक संस्थानों को नैक से ए प्लस प्लस ग्रेड दिलाने में मदद करती है.
Posted by Ashish Jha