पटना. प्रदेश के कोरोना मरीजों के लिए मांग के अनुसार मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति होने लगी है. हालांकि, अब भी कोटे से कम मेडिकल ऑक्सीजन का उठाव हो पा रहा है. राज्य के लिए केंद्र सरकार ने 214 टन मेडिकल ऑक्सीजन का कोटा तय किया है.
राज्य सरकार ने जबरदस्त प्रयास के बाद दो मई को 194 टन मेडिकल ऑक्सीजन उठाने की क्षमता हासिल कर ली. प्रदेश में 25 अप्रैल के बाद से औसतन 90 से 100 टन मेडिकल ऑक्सीजन का उठाव किया जा रहा है, जो यह मांग के अनुरूप है.
प्रदेश के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के मुताबिक हम अपनी जरूरत का अधिकतम मेडिकल ऑक्सीजन उठा पा रहे हैं. कहीं से भी मेडिकल ऑक्सीजन की कमी की सूचना नहीं है. हालांकि, उन्होंने बताया कि केंद्रीय आवंटन के अनुपात में अब भी कम उठाव हो पा रहा है. इसकी वजह परिवहन क्षमता में कमी होना है. हालांकि, विभाग ने इस दिशा में कई फौरी तैयारियां की हैं.
उम्मीद है कि कुछ ही दिनों में कोटे के पूरे ऑक्सीजन उठाव कर सकेंगे. उनके मुताबिक 15 अप्रैल को प्रदेश में ऑक्सीजन रिफिलिंग बॉटलिंग प्लांट सिर्फ 11 थे. महज दो सप्ताह में इनकी संख्या बढ़कर 19 हो गयी है.
पटना में चार, बेगूसराय, औरंगाबाद, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में दो-दाे और नालंदा, गया, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, गोपालगंज और समस्तीपुर में एक-एक बॉटलिंग प्लांट संचालित हैं. इसके अलावा पटना एम्स, महावीर कैंसर संस्थान, इएसआइसी बिहटा और पारस अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन स्टोर करने की व्यवस्था की गयी है.
राज्य में स्थापित एयर सेप्रेशन यूनिटों से रोजाना 34 टन ऑक्सीजन हासिल की जा रही है. आइनोक्स बोकारो व लिंडे जमशेदपुर से 50-50 और एयर वाटर जमशेदपुर, सेल बोकारो, वेदांदा इलेक्ट्रो स्टील बोकारो व सेल बर्नपुर से 20-20 टन लिक्विड ऑक्सीजन का आवंटन हुआ है.
पटना और समस्तीपुर में मेडिकल ऑक्सीजन यूनिट लगने जा रहे हैं.निजी क्षेत्र के ये दोनों यूनिट एक हफ्ते में शुरू हो सकते हैं. मामला बैंक में फंसा है. सूत्रों के मुताबिक इस हफ्ते तक यह मामला निबटा लिया जायेगा. समस्तीपुर में इसकी तैयारी लगभग हो गयी है.
20 टन क्षमता वाले इस प्लांट में स्टोर और रिफलिंग दोनों की होगी. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मैंने इस संबंध में स्वयं बैंक के आला अफसरों से बात की है. बहुत जल्द ही इस मामले में सकारात्मक निर्णय हो जायेगा.
Posted by Ashish Jha