कटिहार : महानंदा नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव में सोमवार को अधिकांश स्थानों पर शांत है. इस नदी के जलस्तर सिर्फ कुर्सेल में कमी दर्ज की गयी है. जबकि झौआ, बहर खाल, आजमनगर, धबौल, दुर्गापुर, गोविंदपुर स्थिर है. जबकि गंगा, कोसी व बरंडी नदी का जलस्तर भी शांत है. पिछले 24 घंटे से इन नदियों के जलस्तर में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गयी है. हालांकि अभी भी गंगा, बरंडी व कोसी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार महानंदा नदी झौआ सोमवार की सुबह जलस्तर 29.20 मीटर था, जो छह घंटे के बाद बढ़कर जलस्तर 29.20 मीटर हो गया. इसी नदी के बहरखाल में 28.80 मीटर था, जो छह घंटे बाद 28.80 मीटर ही रहा. कुर्सेल में सोमवार की सुबह 29.11 मीटर था, जो छह घंटे बाद दोपहर को यहां का जलस्तर 29.10 मीटर हो गया. इसी नदी के दुर्गापुर में जलस्तर 27.10 मीटर था, जो छह घंटे बाद जलस्तर 27.10 मीटर ही रहा. गोविंदपुर में इस नदी का जलस्तर 25.94 मीटर था, जो सोमवार की दोपहर में 25.94 मीटर ही रहा है. इस नदी का जलस्तर आजमनगर में 28.06 मीटर था, जो छह घंटे बाद 28.06 मीटर ही रहा. धबोल में इस नदी का जल स्तर सोमवार की सुबह 27.56 मीटर था. छह घंटे बाद दोपहर 12 बहे यहां का जलस्तर 27.56 मीटर ही रहा है.
गंगा, बरंडी व कोसी नदी के जलस्तर सोमवार शांत रहा है. जबकि कारी कोसी नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गयी. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार गंगा नदी के रामायणपुर में सोमवार की सुबह 27.11 मीटर दर्ज किया गया, जो छह घंटे बाद यहां का जलस्तर 27.11 मीटर ही रहा. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 29.93 मीटर दर्ज किया गया. छह घंटे बाद सोमवार की दोपहर 29.93 मीटर ही रहा. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच-31 के डूमर पर सोमवार की सवेरे 30.88 मीटर दर्ज किया गया. जबकि छह घंटे बाद दोपहर में यहां का जलस्तर की 30.88 मीटर ही रहा है. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर सोमवार की सवेरे 30.35 मीटर दर्ज की गयी. दोपहर में यहां का जलस्तर 30.35 मीटर ही रहा. कारी कोसी नदी के चेन संख्या 389 में जलस्तर 27.97 मीटर था. छह घंटे बाद सोमवार की दोपहर में यहां का जलस्तर 27.96 मीटर हो गया है.
प्रखंड के पहाड़पुर में महानंदा तटबंध धंसने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. पहाड़पुर गांव के समीप महानंदा तटबंध करीब दो-तीन वर्षों से लगातार धंस जाता है. जिसे लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. बता दें कि महानंदा तटबंध लाइफ लाइन के नाम से जाने जाते हैं. बाढ़ बरसात के दिनों में यह सड़क हमेशा चालू रहता है. पहाड़पुर गांव के समीप पिछले कई वर्षों से करीब एक सौ मीटर में महानंदा तटबंध धंस जाता है. मरम्मत के नाम पर विभाग द्वारा खानापूर्ति की जाती है. बांस के पाईलिंगकर उसे धंसने से रोकने का प्रयास किया गया है. वर्तमान समय में विभाग द्वारा धंसे हुए मिट्टी को उठाकर उसे बराबर करने में जुटी हुई है.
posted by ashish jha