पटना : डाकघर विभाग ने अपने निवेशकों के भुगतान में आने वाली परेशानी को दूर करते हुए आसानी से राशि भुगतान को लेकर निर्देश जारी किये हैं. डाक विभाग के अधिकारियों ने दिशा-निर्देश जारी कर कहा है कि एनएसी, पीपीएफए सहित लघु बचत योजनाओं के दावे को स्वीकार करने के लिए गवाहों की डाकघर में शारीरिक मौजूदगी की अब अनिवार्यता नहीं होगी.
अगर गवाह का हस्ताक्षर किया हुआ स्व अभिप्रमाणित (सेल्फ अटेस्टेड) पत्र, पता और पूरे दावे का दस्तावेज साथ लगा हुआ है, तो डाकघर दावा स्वीकार करने से मना नहीं कर सकेंगे. अधिकारियों की मानें, तो डाक विभाग को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि मृत व्यक्तियों के पीपीएफ या किसी अन्य छोटी बचत योजना के दावे को स्वीकार करने के लिए डाकघर के अधिकारी उनके नॉमिनी या आवेदनकर्ता को दो गवाह डाक घर में लाने को कह रहे हैं.
इसी परेशानी की जानकारी मिलने पर डाक विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर यह आदेश दिया है. अधिसूचना के अनुसार डाकघर की किसी भी लघु बचत योजना का दावा स्वीकार करने के लिए गवाहों का शारीरिक अब डाकघर आना अनिवार्य नहीं होगा. मिली जानकारी के अनुसार गवाहों का पहचान पत्र, पता का प्रमाण, केवाइसी मास्टर अधिसूचना के तहत होना चाहिए.
डाक विभाग की अधिसूचना के अनुसार किसी भी दावे को स्वीकार करने के लिए पते के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, फोटो के साथ राशन कार्ड राज्य और केंद्र सरकार की ओर से जारी कोई भी पहचान पत्र जिस पर पूरा पता लिखा हो, वह मान्य होगा.
posted by ashish jha